सेबी ने नियमों में बदलाव किया, ‘तत्काल संदेश सेवा’ से भेजेगा नोटिस, समन

सेबी ने नियमों में बदलाव किया, ‘तत्काल संदेश सेवा’ से भेजेगा नोटिस, समन

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  • Publish Date - January 27, 2022 / 08:24 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:23 PM IST

नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) अब प्रतिभूति बाजार के नियमों का उल्लंघन करने वालों को नोटिस और समन तत्काल संदेश सेवा (इंस्टैंट मैसेजिंग सर्विस) के जरिये भेजेगा। इस कदम से यह प्रक्रिया तेज हो सकेगी।

अभी नियामक इस तरह के नोटिस या समन रजिस्टर्ड डाक, कूरियर या इलेक्ट्रॉनिक मेल के जरिये भेजता है।

इसके अलावा नियामक ने प्रतिभूति बाजार के ऐसे लेनदेन जो जांच के घेरे में हैं, के मामले में जांच प्राधिकरण (आईए) द्वारा सूचना और दस्तावेज मांगने से संबंधित अधिकारों को लेकर नियमों में भी बदलाव किया है।

सेबी की ओर से मंगलवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि इन बदलावों के लिए धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार व्यवहार प्रतिबंध (पीएफयूटीपी) नियमों में संशोधन किया गया है। पीएफयूटीपी के तहत सेबी द्वारा जारी समन या नोटिस संबंधित व्यक्ति या उसके अधिकृत एजेंट को दिए जाएंगे।

ये नोटिस फैक्स या इलेक्ट्रॉनिक मेल या इलेक्ट्रॉनिक इंस्टैंट मैसेजिंग सेवा के साथ इलेक्ट्रॉनिक मेल या कूरियर या स्पीड पोस्ट अथवा रजिस्टर्ड डाक से भी भेजे जाएंगे।

नियामक ने इस बारे में कुछ शर्तें भी तय की हैं।

यदि इनमें से किसी तरीके से समन या नोटिस विफल हो जाता है, तो उसे संबंधित व्यक्ति के परिसर के बाहरी दरवाजे पर चिपकाया जाएगा। इसके अलावा इसे संबंधित व्यक्ति के परिसर के किसी अन्य हिस्से या ऐसे मकान पर भी नोटिस चस्पा किया जा सकता है जहां वह व्यक्ति रहा था या उसने वहां से कारोबार किया था।

नोटिस या समन संबंधित व्यक्ति के परिसर के दरवाजे पर नहीं लगाए जाने की स्थिति में इसे कम से कम दो अखबारों में प्रकाशित करना होगा। इनमें एक अंग्रेजी अखबार होगा और दूसरा संबंधित क्षेत्र की भाषा का समाचार पत्र। जांच प्राधिकरण (आईए) के अधिकारों के संबंध में नियामक ने कहा कि आईए को कुछ अधिकारों के इस्तेमाल के लिए सेबी के चेयरमैन या सदस्यों की उचित मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी। ये अधिकार किसी व्यक्ति या बैंक या किसी अन्य प्राधिकरण से रिकॉर्ड या सूचना मांगने से संबंधित हैं।

यदि आईए को लगता है कि ऐसे दस्तावेजों को नष्ट किया जा सकता है या उनमें हेरफेर किया जा सकता है, तो आईए मुंबई की संबंधित अदालत के न्यायाधीश के समक्ष रिकॉर्ड या दस्तावेजों को जब्त करने की अपील कर सकता है।

भाषा अजय

अजय पाण्डेय

पाण्डेय