विनिर्माण इकाइयों में जरूरी चीनी तकनीशियनों को वीजा देने के लिए एसओपी अंतिम चरण में: अधिकारी

विनिर्माण इकाइयों में जरूरी चीनी तकनीशियनों को वीजा देने के लिए एसओपी अंतिम चरण में: अधिकारी

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  • Publish Date - June 16, 2024 / 04:05 PM IST,
    Updated On - June 16, 2024 / 04:05 PM IST

नयी दिल्ली, 16 जून (भाषा) विनिर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए जिन चीनी पेशेवरों की जरूरत है, उनके लिए वीजा मंजूरी को सुव्यवस्थित बनाने की एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) अंतिम चरण में है। एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी।

इससे पहले उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत इसी तरह की सुविधा दी गई थी।

यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि कुछ घरेलू विनिर्माण कंपनियों ने चीनी तकनीशियनों के लिए वीजा मिलने में देरी का मुद्दा उठाया था। इन तकनीशियनों की भारत में श्रमिकों को प्रशिक्षण देने के अलावा कुछ मशीनों की स्थापना या मरम्मत जैसे कार्यों के लिए जरूरत होती है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘अधिकांश पीएलआई वीजा का ध्यान रखा गया है। सामान्य विनिर्माण गतिविधियों के लिए भी हम एक बेहतर सुव्यवस्थित एसओपी बनाने की कोशिश कर रहे हैं… जो गृह मंत्रालय के पास है। यह अंतिम चरण में है।’’

अधिकारी ने कहा कि एसओपी को लागू करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल से किसी मंजूरी की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह ऐसे चीनी पेशेवरों या तकनीशियनों के वीजा आवेदनों को सुविधाजनक बनाने की एक आंतरिक प्रक्रिया है, जिनकी विशेषज्ञता की घरेलू विनिर्माण इकाइयों को जरूरत है।

उन्होंने कहा कि आमतौर पर, इन विशेषज्ञों को तीन से छह महीने के लिए वीजा की आवश्यकता होती है।

इस कदम की सराहना करते हुए एक उद्योग अधिकारी ने कहा कि एसओपी से बहुत मदद मिलेगी, क्योंकि इन विनिर्माण इकाइयों को चीनी पेशेवरों से कुछ विशेषज्ञता की जरूरत होती है।

प्रमुख फुटवियर निर्माता और चेन्नई स्थित फरीदा समूह के चेयरमैन रफीक अहमद ने कहा, ‘‘एसओपी एक बहुत अच्छा निर्णय होगा। चीनी तकनीशियन वियतनाम और कंबोडिया जैसे देशों में फुटवियर क्षेत्र में काम कर रहे हैं। वे ताइवान या अन्य विशेषज्ञों की तुलना में सस्ते भी हैं। इससे हमारे उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलेगी।’’

भाषा पाण्डेय अजय

अजय