सोयाबीन तिलहन में गिरावट, बाकी तेल-तिलहन में सुधार

सोयाबीन तिलहन में गिरावट, बाकी तेल-तिलहन में सुधार

सोयाबीन तिलहन में गिरावट, बाकी तेल-तिलहन में सुधार
Modified Date: November 28, 2025 / 07:42 pm IST
Published Date: November 28, 2025 7:42 pm IST

नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) स्थानीय बाजार में शुक्रवार को सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के दाम में सुधार आया जबकि सोयाबीन डी-आयल्ड केक (डीओसी) के बाजार में नहीं खपने की वजह से सोयाबीन तिलहन के दाम गिरावट के साथ बंद हुए। सामान्य कामकाज के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के दाम अपरिवर्तित रहे।

मलेशिया एक्सचेंज में सुधार था। वहां एक्सचेंज में तकनीकी खराबी आने से बाद में कारोबार रुक गया था। कल ‘थैंक्स गिविंग डे’ की छुट्टी के बाद शिकागो एक्सचेंज शुक्रवार रात आठ बजे कारोबार के लिए खुलेगा।

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बाजार सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन डीओसी का बाजार नहीं है और इस वजह से इसके खपने की दिक्कत है। इस कारण सोयाबीन तिलहन के दाम गिरावट के साथ बंद हुए। सोयाबीन का असली खेल उसके डीओसी की मांग का होता है क्योंकि सोयाबीन पेराई में लगभग 82 प्रतिशत डीओसी निकलता है जिसका उपयोग मुर्गीदाना उद्योग के लिए होता है और इसमें तेल कम निकलता है। इसलिए डीओसी का दाम बेहतर मिलेगा तभी किसानों को असली फायदा होगा।

उन्होंने कहा कि दूसरी ओर, मलेशिया में तेजी रहने के कारण सोयाबीन तेल के दाम में बृहस्पतिवार के बंद भाव के मुकाबले मामूली सुधार आया। सही मायने में देखें तो आयातक सोयाबीन डीगम तेल को लागत से 6-6.5 प्रतिशत नीचे दाम पर बेच रहे हैं। किसानों, बैंकों सभी को नुकसान पहुंचाने वाले इस तथ्य की ओर संभवत: किसी का ध्यान नहीं जा रहा और लागत से नीचे दाम पर बिकवाली जारी है।

मलेशिया एक्सचेंज के मजबूत रहने की वजह से सीपीओ और पामोलीन तेल के दाम भी सुधार के साथ बंद हुए।

सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज की मजबूती से कारोबारी धारणा बेहतर होने के कारण इसका अनुकूल असर सरसों पर भी दिखा जिससे सरसों तेल-तिलहन में भी सुधार आया।

उन्होंने कहा कि नरम तेलों (सॉफ्ट आयल) में बिनौला तेल सूरजमुखी, मूंगफली, सरसों जैसे तेलों से काफी सस्ता बैठता है। इस वजह से इस तेल की मांग के बीच बिनौला तेल में भी सुधार देखने को मिला।

सूत्रों ने कहा कि जिनिंग मिल वालों ने आज सस्ते में कपास नरमा की खरीद करने के मकसद से बिनौला सीड के दाम 200 रुपये क्विंटल तोड़े हैं। सरकार के एमएसपी पर कपास खरीदने के आश्वासन के बावजूद ऐसा हुआ है। आयात निर्यात के आंकड़े देने के अलावा तेल संगठनों को इस सरकारी गारंटी की अवहेलना के बारे में भी प्रश्न उठाना चाहिये। जब सरकारी गारंटी वाले फसल का ये हाल है तो बगैर गारंटी वाले तिलहनों का क्या हाल होगा?

उन्होंने कहा कि ऊंचे भाव पर कम कामकाज के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के दाम अपरिवर्तित रहे।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 7,060-7,110 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,450-6,825 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,250 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,470-2,770 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,700 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,465-2,565 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,465-2,600 रुपये प्रति टिन।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,400 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,300 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,250 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,500 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,050 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,050 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,550-4,600 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,250-4,300 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण


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