एसपीवी, राज्य सरकारों मिल सकती है वाहन फिटनेस जांच केंद्र स्थापित करने की अनुमति

एसपीवी, राज्य सरकारों मिल सकती है वाहन फिटनेस जांच केंद्र स्थापित करने की अनुमति

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  • Publish Date - September 25, 2021 / 03:13 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:54 PM IST

नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) सरकार निजी और परिवहन वाहनों की ‘फिटनेस जांच’ के लिए विशेष इकाइयों (एसपीवी), राज्य सरकारों, कंपनियों, संघों और निकायों को ऑटोमेटेड परीक्षण केंद्र (एटीएस) खोलने की अनुमति दे सकती है।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, एटीएस के पूर्व-पंजीकरण/पंजीकरण के लिए एक खिड़की मंजूरी प्रणाली उपलब्ध कराई जा सकती है। पंजीकरण प्राधिकरण राज्य के परिवहन आयुक्त के निचले स्तर का नहीं होना चाहिए।

मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी दिशानिर्देशों में कहा गया है, ‘‘एटीएस का स्वामित्व और परिचालन किसी व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है। इसमें कंपनी या संघ या व्यक्तियों का निकाय या विशेष इकाई या राज्य सरकार शामिल है।’’

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि यदि कोई वाहन परीक्षण में विफल होता है, तो पंजीकृत मालिक या अधिकृत व्यक्ति पुन:परीक्षण के लिए उचित शुल्क जमा कराकर वाहन की फिर से जांच का अनुरोध कर सकता है। यदि इसके बाद भी वाहन फिटनेस जांच में फेल होता है तो संबंधित वाहन के जीवन चक्र (ईएलवी) को समाप्त घोषित कर दिया जाएगा।

मंत्रालय ने कहा कि यदि वाहन मालिक जांच से संतुष्ट नहीं है, तो वह आवश्यक शुल्क जमा कराने के बाद पुन: जांच का आग्रह कर सकता है। इस तरह की अपील मिलने के बाद अपीलीय प्राधिकरण अपील मिलने की तिथि से 15 कार्यदिवसों में वाहन की आंशिक तौर पर या पूरी तरह नए सिरे से जांच के लिए कह सकता है।

मंत्रालय ने कहा कि यदि पुन: जांच में वाहन सफल रहता है, तो अपीलीय प्राधिकरण उस वाहन के लिए फिटेनस प्रमाणन जारी करने का आदेश देगा। अपीलीय प्राधिकरण का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होगा।

मंत्रालय ने कहा कि हितों के टकराव से बचने के लिए कोई वित्तीय या पेशेवर हित नहीं होना चाहिए। मसलन कोई भी व्यक्ति एसटीएस के मालिक या परिचालक के निर्णय या पेशेवर व्यवहार को प्रभावित नहीं कर सकता है।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल में कहा था कि राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति के तहत एटीएस के रूप में समर्थन देने वाले ढांचे की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा था कि इसका मकसद वाहनों के मैनुअल परीक्षण को सीमित करना है। पहले चरण में 75 स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। बाद में इनकी संख्या बढ़ाकर 450 से 500 की जाएगी। अभी 26 एटीएस के लिए मंजूरी दी गई है। इनमें से सात एटीएस काम कर रहे हैं।

भाषा अजय अजय पाण्डेय

पाण्डेय