श्रीलंका के शीर्ष अधिकारी ने भारत से उर्वरक आयात में भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज किया

श्रीलंका के शीर्ष अधिकारी ने भारत से उर्वरक आयात में भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज किया

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  • Publish Date - October 23, 2021 / 06:35 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:51 PM IST

कोलंबो, 23 अक्टूबर (भाषा) श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाय राजपक्षे के सचिव ने शनिवार को भारत से नैनो नाइट्रोजन तरल उर्वरक की पहली खेप आयात करने के सौदे में भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज कर दिया।

सिविल सेवा के प्रमुख डॉ पीबी जयसुंदेरा ने एक अखबार की उस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने भारतीय उर्वरक के लिए एक व्यक्तिगत खाते में 29 करोड़ रुपये स्थानांतरित करने के लिए दबाव डाला था।

जयसुंदेरा ने रिपोर्ट को ‘‘पूरी तरह से गलत, असत्य और दुर्भावनापूर्ण’’ बताते हुए पुलिस से इन आरोपों की जांच करने को कहा है, जबकि संसद में विपक्षी दलों ने इस सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।

देश के कृषि सचिव प्रोफेसर उदित जयसिंघे ने कहा कि श्रीलंका को बुधवार को भारत से 31 लाख लीटर उच्च गुणवत्ता वाले गैर-हानिकारक नैनो नाइट्रोजन तरल उर्वरक की पहली खेप मिली। इससे देश के पूर्वी प्रांत को मक्का और धान की खेती में मदद मिल सके।

नैनो नाइट्रोजन तरल उर्वरक का आयात मई में राष्ट्रपति राजपक्षे द्वारा रासायनिक उर्वरक आयात को रोकने के फैसले के बाद हुआ। इससे देश के कृषि जिलों में व्यापक विरोध और नाराजगी पैदा हुई।

यह निर्णय मुख्य रूप से आयात के भुगतान के लिए विदेशी भंडार में अमेरिकी डॉलर की कमी के कारण हुआ था।

राजपक्षे ने दावा किया था कि श्रीलंका के सालाना उर्वरक आयात पर 40 करोड़ डॉलर की लागत आती है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय