नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) स्टीनबीस इंडिया ने राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के तहत भारत में ‘इलेक्ट्रोलाइजर्स’ और ‘पॉलीसिलिकॉन’ उत्पादन इकाई स्थापित करने के लिए वारी एनर्जीज लिमिटेड और जर्मनी के डीएसई कंसोर्टियम के साथ एक समझौता किया है।
कंपनी के अनुसार, हाइड्रोजन जीवाश्म ईंधन का एक विकल्प है और ऊर्जा के एक स्वच्छ स्रोत के रूप में विशाल क्षमता प्रदान करने के साथ कार्बन उत्सर्जन कम करने में सहायक हो सकता है।
स्टीनबीस ने शुक्रवार को जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि इस इकाई को स्थापित करने के लिए कंपनी ने वारी एनर्जीज लिमिटेड और डीएसई कंसोर्टियम के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
स्टीनबीस सेंटर फॉर टैक्नोलॉजी ट्रांसफर इन इंडिया (स्टीनबीस) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विनीत गोयल ने कहा कि इस उत्पादन इकाई को स्थापित करने पर 1,500-2,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि स्टीनबीस भारत में हरित हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। यह भारत में स्वच्छ ऊर्जा और सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
उन्होंने बताया कि इस इकाई के जरिये प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। इसे गुजरात या महाराष्ट्र में स्थापित किया जा सकता है।
भाषा जतिन प्रेम
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