नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) शेयर बाजार बीएसई और एनएसई ने बृहस्पतिवार को चुनिंदा शेयरों के लिए वैकल्पिक आधार पर टी+0 यानी उसी दिन कारोबार निपटान का बीटा संस्करण शुरू किया।
टी+0 प्रणाली में जिस दिन शेयर में कारोबार होता है, उसका निपटान उसी दिन हो जाता है। इसका मतलब है कि सौदे वाले दिन ही शेयर खरीदार के खाते में अंतरित हो जाएगा और राशि विक्रेता के खाते में पहुंच जाएगी।
शुरुआत में, यह निवेशकों को निपटान में 25 प्रतिभूतियों में लेनदेन करने का विकल्प प्रदान करेगा। पहले दिन दोनों शेयर बाजारों में 60-60 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया।
एक ही दिन में कारोबर के निपटान के लिए तैयार की गयी टी+0 निपटान व्यवस्था निवेशक के खातों में धन और प्रतिभूतियों की तेजी से प्राप्ति की सुविधा उपलब्ध कराती है। इससे कारोबार के निपटान में लगने वाले समय से जो जोखिम होता है, वह कम हो जाता है।
बीएसई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुंदररमन राममूर्ति ने कहा, ‘‘हमें आज पहले टी+0 निपटान चक्र के सफल कार्यान्वयन की जानकारी देते हुए खुशी हो रही है। यह हमारे बाजार में दक्षता बढ़ाने और कम जोखिम की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’’
राममूर्ति ने कहा, ‘‘हमें विश्वास है कि यह वैकल्पिक निपटान व्यवस्था भारत में पूंजी बाजार की निरंतर वृद्धि और विकास में योगदान देगी।’’
बजाज ऑटो, वेदांता, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), ट्रेंट, टाटा कम्युनिकेशंस, नेस्ले इंडिया, सिप्ला, एमआरएफ, जेएसडब्ल्यू स्टील, बीपीसीएल, ओएनजीसी, एनएमडीसी और अंबुजा सीमेंट्स टी+0 सेटलमेंट के लिए उपलब्ध 25 शेयरों में शामिल हैं।
सेबी ने व्यापक विचार-विमर्श और निदेशक मंडल से मंजूरी के बाद पिछले सप्ताह 28 मार्च से वैकल्पिक आधार पर टी + 0 निपटान व्यवस्था के बीटा संस्करण की शुरुआत के लिए एक रूपरेखा पेश की।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बदलते समय के साथ तालमेल बनाए रखने और प्रतिभूति बाजारों के विकास तथा निवेशक सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी को पूरा करने के प्रयास के तहत निपटान चक्र को 2002 में टी+5 से घटाकर टी+3 और उसके बाद 2003 में टी+2 किया था।
भाषा
अजय रमण
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