चालू सत्र में अब तक 1,800 करोड़ रुपये की चीनी निर्यात सब्सिडी जारी की गई: अधिकारी |

चालू सत्र में अब तक 1,800 करोड़ रुपये की चीनी निर्यात सब्सिडी जारी की गई: अधिकारी

चालू सत्र में अब तक 1,800 करोड़ रुपये की चीनी निर्यात सब्सिडी जारी की गई: अधिकारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:02 PM IST, Published Date : September 20, 2021/8:50 pm IST

नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) केंद्र सरकार ने चीनी मिलों को अब तक, इस महीने खत्म होने जा रहे चीनी वर्ष 2020-21 में 60 लाख टन चीनी का अनिवार्य रूप से निर्यात करने के लिए सब्सिडी के बतौर 1,800 करोड़ रुपये जारी किये हैं। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

सरकार को पिछले तीन सत्रों के दौरान चीनी स्टॉक को कम करने और नकदी की कमी झेल रही चीनी मिलों को समय पर गन्ने का भुगतान करने में मदद करने के लिए निर्यात सब्सिडी की पेशकश करनी पड़ी। सरकार ने चीनी के एक निश्चित कोटे के निर्यात के लिए सब्सिडी की पेशकश की थी।

अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ”मौजूदा चीनी सत्र के दौरान चीनी के निर्यात के लिये सरकारी की तरफ से दी जाने वाली सब्सिडी के बतौर करीब 3,500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था। इसमें से 1,800 करोड़ रुपये के सब्सिडी दावों को निपटा दिया गया है।’’

अधिकारी ने कहा कि मिलों ने मौजूदा 2020-21 सत्र के लिए निर्धारित 60 लाख टन के पूरे कोटा का निर्यात पहले ही कर लिया है। उन्होंने मजबूत वैश्विक रुझानों का फायदा उठाकर बिना सब्सिडी के भी चीनी का निर्यात किया है।

उन्होंने कहा कि इसने चीनी मिलों को चालू सत्र में किसानों को अब तक 8,300 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य बकाया चुकाने के लिए प्रोत्साहित किया है, जबकि कुल देय बकाया 91,000 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि शेष राशि का भी चीनी मिलों द्वारा निपटारा कर दिया जाएगा।

सरकार द्वारा चालू सत्र के लिए चीनी निर्यात पर दी जाने वाली सब्सिडी को 6,000 रुपये प्रति टन से घटाकर 4,000 रुपये प्रति टन करने के बावजूद निर्यात सुचारू रूप से किया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय कीमतों में मजबूती आने की वजह से सब्सिडी में कमी की गई।

वहीं, वर्ष 2019-20 सत्र के लंबित सब्सिडी दावों पर, अधिकारी ने कहा कि अब तक 5,000 करोड़ रुपये के सब्सिडी दावों को निपटा दिया गया है। शेष 1,200 करोड़ रुपये बकाये का भुगतान अगले दो महीने में चीनी मिलों को कर दिया जाएगा।

सरकार ने अक्टूबर से शुरू होने वाले नए चीनी सत्र 2021-22 में चीनी के निर्यात पर सब्सिडी नहीं देने का फैसला किया है, क्योंकि दुनिया के सबसे बड़े चीनी उत्पादक देश ब्राजील में गन्ने की फसल की संभावित कमी के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी के दाम मजबूत हैं।

हाल ही में, खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने एक प्रेस वार्ता में कहा था कि 2021-22 सत्र में चीनी निर्यात करने के लिए सब्सिडी की कोई आवश्यकता नहीं है।

मंत्रालय के अनुसार, अगले 2021-22 सत्र में देश का चीनी उत्पादन 3.05 करोड़ टन पर स्थिर रहने की संभावना है क्योंकि गन्ने की बड़ी मात्रा को एथनॉल बनाने में खपाया जाएगा।

सत्र 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी उत्पादन 3.1 करोड़ टन तक पहुंचने का अनुमान है। ब्राजील के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है।

भाषा राजेश

राजेश महाबीर

महाबीर

 

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