नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर (भाषा) टाटा पावर ने शनिवार को कहा कि उसने स्वच्छ ऊर्जा और अन्य परियोजनाओं पर मिलकर काम करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-दिल्ली (आईआईटी-दिल्ली) के साथ एक करार किया है। इन परियोजनाओं को शोध एवं विकास के चरण से पायलट चरण में बदला जा सकता है।
कंपनी के एक बयान में कहा गया है कि भारत की निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी एकीकृत कंपनियों में से एक टाटा पावर और आईआईटी-दिल्ली ने स्मार्ट ग्रिड प्रौद्योगिकी, स्वच्छ ऊर्जा समाधान जैसे क्षेत्रों में सहयोग करने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
आईआईटी-दिल्ली और टाटा पावर में विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उत्कृष्टता के साथ बड़ी संख्या में मौजूद विशेषज्ञों को ध्यान में रखते हुए उच्च परिवर्तनकारी प्रभाव के साथ अकादमिक, अनुसंधान और व्यवसाय के क्षेत्र विशेषज्ञों के बीच सहयोग करने की अपार संभावनाएं हैं।
दोनों संस्थानों ने उन परियोजनाओं की पहचान करने के लिए एक साथ काम करने पर सहमति व्यक्त की है जिन्हें अनुसंधान और विकास चरण से पायलट परियोजनाओं में परिवर्तित किया जा सकता है।
आईआईटी-दिल्ली के निदेशक वी रामगोपाल राव ने बयान में कहा, ‘‘देश का एक प्रमुख शोध संस्थान आईआईटी-दिल्ली टाटा पावर के साथ इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके खुश है। मुझे उम्मीद है कि इस सहयोग से ऊर्जा क्षेत्र के लिए नई प्रौद्योगिकियों का विकास होगा, जो बिजली उत्पादन और वितरण के क्षेत्र में मददगार साबित होगा।’’
टाटा पावर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक प्रवीर सिन्हा ने कहा, ‘‘टाटा पावर में, हमारा ध्यान हमेशा बिजली क्षेत्र में अभूतपूर्व और टिकाऊ प्रौद्योगिकियों को लाने पर रहा है। हम आईआईटी-दिल्ली के साथ साझेदारी करके खुश हैं, जो एक प्रतिष्ठित संस्थान है। हमें विश्वास है कि यह सहयोग देश में स्वच्छ ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए ऊर्जा क्षेत्र में नए युग के योग्य प्रौद्योगिकियों के लिए एक परीक्षण मंच तैयार करेगा।’’
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