टाटा स्टील का कम कॉर्बन उत्सर्जन की प्रौद्योगिकी की संभावना तलाशने को बीएचपी से करार |

टाटा स्टील का कम कॉर्बन उत्सर्जन की प्रौद्योगिकी की संभावना तलाशने को बीएचपी से करार

टाटा स्टील का कम कॉर्बन उत्सर्जन की प्रौद्योगिकी की संभावना तलाशने को बीएचपी से करार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:35 PM IST, Published Date : July 20, 2022/5:20 pm IST

नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) घरेलू इस्पात कंपनी टाटा स्टील ने कम कार्बन वाली ‘लौह और इस्पात विनिर्माण’ प्रौद्योगिकी की संभावना तलाशने के लिए ऑस्ट्रेलिया की बीएचपी के साथ गठजोड़ किया है।

कंपनी ने बुधवार को बयान में कहा कि इस भागीदारी का उद्देश्य दोनों कंपनियों को अपने जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों की ओर बढ़ने में मदद करना और 2070 तक भारत के शुद्ध रूप से शून्य कॉर्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करना है।

कंपनी ने बयान में कहा कि टाटा स्टील ने प्रमुख वैश्विक संसाधन कंपनी बीएचपी के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते का उद्देश्य कम कार्बन की ‘लौह और इस्पात विनिर्माण’ प्रौद्योगिकी की संभावना का पता लगाने के लिए संयुक्त अध्ययन करना है।

इस भागीदारी के तहत टाटा स्टील और बीएचपी दो प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के माध्यम से ब्लास्ट फर्नेस मार्ग से उत्सर्जन गहनता को कम करने के लिए काम करेंगी।

नई प्रौद्योगिकी एकीकृत इस्पात मिलों की उत्सर्जन तीव्रता को 30 प्रतिशत तक कम करेगी।

मंत्रालय के एक दस्तावेज के अनुसार, विश्वस्तर पर सालाना आधार पर कुल कॉर्बन उत्सर्जन मे लौह एवं इस्पात उद्योग का हिस्सा करीब आठ प्रतिशत है। भारत के मामले में यह 12 प्रतिशत बैठता है।

भाषा रिया अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers