टीसीएस कर्मचारियों की संख्या 19,755 घटी, कर्मचारी संगठन का बड़ी संख्या में छंटनी का आरोप

टीसीएस कर्मचारियों की संख्या 19,755 घटी, कर्मचारी संगठन का बड़ी संख्या में छंटनी का आरोप

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  • Publish Date - October 9, 2025 / 09:52 PM IST,
    Updated On - October 9, 2025 / 09:52 PM IST

नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर (भाषा) टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के कर्मचारियों की संख्या में एक ही तिमाही में लगभग 20,000 की कमी आई है। इसका कारण देश की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी बदलती व्यावसायिक गतिशीलता के अनुरूप कार्यबल का पुनर्गठन जारी रखे हुए है।

टीसीएस की वेबसाइट पर वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही के आंकड़ों के अनुसार, कंपनी के कर्मचारियों की संख्या जून तिमाही में 6,13,069 थी जो सितंबर तिमाही में घटकर 5,93,314 रह गई है।

आईटी कर्मचारियों का संगठन, नैसेंट इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (एनआईटीईएस) ने टीसीएस पर कर्मचारियों को कंपनी से बाहर निकालने की संख्या को कम कर दिखाने का आरोप लगाया है।

इससे पहले, टीसीएस के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी सुदीप कुन्नुमल ने बृहस्पतिवार को कहा कि कंपनी ने हाल ही में पुनर्गठन के तहत लगभग एक प्रतिशत यानी 6,000 कर्मचारियों को कंपनी से बाहर निकाला।

हालांकि, एनआईटीईएस ने इस संख्या ने कड़ा विरोध किया और एक ही तिमाही में 19,755 कर्मचारियों की कमी की बात कही।

बाजार बंद होने के तुरंत बाद टीसीएस ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही के वित्तीय परिणाम के बारे में बीएसई को दी सूचना में कुल कर्मचारियों की संख्या और कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने के आंकड़ों (आय विवरण का एक मानक हिस्सा है) की जानकारी नहीं दी थी। बाद में इसकी वेबसाइट पर दी गयी जानकारी में वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में कर्मचारियों की संख्या 5,93,314 दिखायी गयी है।

टीसीएस ने इस साल जुलाई में कहा था कि वह इस वर्ष अपने वैश्विक कार्यबल के लगभग दो प्रतिशत यानी 12,261 कर्मचारियों की छंटनी करने की योजना बना रही है, जिनमें से अधिकांश मध्यम और वरिष्ठ स्तर के होंगे। कंपनी ने उस समय कहा था कि यह कदम कंपनी की ‘भविष्य के लिए तैयार इकाई’ बनने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।

हालांकि, श्रमिक संगठन ने कथित छंटनी के आंकड़ों को गलत बताया है और टीसीएस पर कर्मचारियों को इस्तीफे के लिए दबाव बनाने की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया है।

टीसीएस ने निवेशकों को दी सूचना में कहा कि उसने एक प्रतिशत कर्मचारियों, मुख्यतः मध्यम और वरिष्ठ स्तर के कर्मचारियों, को कंपनी से ‘मुक्त’ किया है। ये वे कर्मचारी हैं जिनके कौशल और क्षमताएं मेल नहीं खाती थीं।

कुन्नुमल ने कहा, ‘‘हम प्रभावित कर्मचारियों को उनके बदलाव के लिए लाभ, परामर्श और दूसरी कंपनियों में नौकरी में सहायता प्रदान कर रहे हैं। साथ ही उद्योग मानकों से ऊंची शर्तों पर सेवानिवृत्ति भी प्रदान कर रहे हैं।’’

हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया, ‘‘इसके अतिरिक्त, प्रदर्शन और ‘बेंच’ नीतियों से संबंधित हमारे नियमित प्रयासों के तहत अनैच्छिक रूप से कर्मचारियों की छंटनी हुई है। नई नियुक्तियों के साथ दूसरी तिमाही में कुल कर्मचारियों की संख्या 5,93,314 है।’’

नैसेंट इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट ने इस पर आपत्ति जतायी है। उन्होंने कहा कि कंपनी के सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचना और वित्तीय खुलासे में दी गयी जानकारी सचाई को सामने लाती हैं।

एनआईटीईएस ने कहा, ‘‘यह कोई मामूली अंतर नहीं है। लगभग 8,000 कर्मचारी नौकरी से नदारद हैं। यह टीसीएस द्वारा स्वीकार किए गए कर्मचारियों से भी ज्यादा हैं। टीसीएस जैसी बड़े आकार की कंपनी के लिए, इस तरह की भ्रामक सूचना को एक गलती मानकर खारिज नहीं किया जा सकता। यह छंटनी के पैमाने को कम करके दिखाने और नियामकों, नीति निर्माताओं और जनता को गुमराह करने की जानबूझकर की गई कोशिश लगती है।’’

यह कमी बेहद चिंताजनक भी है क्योंकि नौकरी छोड़ने की दर वास्तव में कम हुई है, इसका मतलब है कि ये छंटनी स्वैच्छिक नहीं बल्कि प्रबंधन के कदमों का नतीजा है।

एनआईटीईएस ने कहा, ‘‘टीसीएस ने इसी अवधि के दौरान राजस्व में वृद्धि जारी रखी है, जिससे साबित होता है कि कारोबार के लिहाज से प्रदर्शन को इतनी बड़ी कटौती का औचित्य नहीं बनाया जा सकता। टीसीएस इन छंटनी को बही-खाते पर संख्याओं के रूप में प्रस्तुत कर सकती है, लेकिन हमारे लिए ये बिखरी हुई ज़िंदगियों की कहानियां हैं।’’

संगठन ने आरोप लगाया कि जिन कर्मचारियों ने 10-15 साल तक वफादारी की, उन्हें रातोंरात किनारे कर दिया गया, धमकाया गया और नौकरी से निकाल दिया गया।

एनआईटीईएस के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा ने एक बयान में कहा, ‘‘यह पुनर्गठन नहीं है। यह कंपनी की क्रूरता है। टीसीएस ने लोगों के बजाय मुनाफे को चुना है…कंपनी ने उसी कार्यबल को धोखा दिया है जिसने इसके साम्राज्य का निर्माण किया था।’’

भाषा रमण अजय

अजय