दूरसंचार कंपनियों को केवल सरकारी मंजूरी प्राप्त उपकरणों के ही उपयोग की होगी अनुमति

दूरसंचार कंपनियों को केवल सरकारी मंजूरी प्राप्त उपकरणों के ही उपयोग की होगी अनुमति

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  • Publish Date - March 10, 2021 / 04:34 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:09 PM IST

नयी दिल्ली, 10 मार्च (भाषा) सरकार ने बुधवार को दूरसंचार लाइसेंस नियमों में संशोधन किया। इससे वह बिना भरोसे वाले स्रोतों से नेटवर्क उपकरण लगाये जाने के मामले में नियंत्रण रख सकेगी।

लाइसेंस में किये गये संशोधन के अनुसार 15 जून से दूरसंचार परिचालकों को मौजूदा नेटवर्क को उन्नत बनाने, भरोसेमंद उपकरण के रूप में सूचीबद्ध नहीं हो रखे दूरसंचार उपकरण के उपयोग को लेकर राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक (एनसीएससी) से मंजूरी लेने की जरूरत होगी।

इसके मुताबिक एनसीएससी विशेष प्राधिकरण होगा जो देश की रक्षा या राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामले के आधार पर दूरसंचार उपकरण की खरीद के लिये शर्त लगा सकता है।

संशोधन में कहा गया है, ‘‘विशेष प्राधिकरण उन उपकरणों की श्रेणियों को अधिसूचित करेगा जिसके लिये भरोसेमंद स्रोतों से संबंधित सुरक्षा व्यवस्था लागू होती है। उक्त श्रेणियों के उपकरणों के लिये संबधित दूरसंचार उपकरणों के साथ प्राधिकरण भरोसेमंद स्रोतों को अधिसूचित करेगा।’’

इससे सरकार को चीन और अन्य ऐसे देशों से उत्पादों की खरीद पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी जिनसे भारत के संबंध बेहतर नहीं हैं।

एनसीएससी ऐसे स्रोतों की सूची अधिसूचित कर सकता है, जिससे खरीद नहीं की जा सकेगी।

संशोधित अधिसूचना के अनुसार, ‘‘दूरसंचार परिचालक 15 जून, 2021 से अपने नेटवर्क में केवल भरोसेमंद उत्पादों को लगा सकेंगे। साथ ही उन्हें मौजूदा नेटवर्क को उन्नत बनाने के लिये वैसे दूरसंचार उपकरणों के उपयोग को लेकर विशेष प्राधिकरण से मंजूरी लेनी होगी, जिन्हें भरोसेमंद उत्पाद के रूप में मान्यता नहीं दी गयी है।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘हालांकि ये निर्देश जारी सालाना रखरखाव अनुबंधों या मौजूदा उपकरणों को अद्यतन करने को लेकर जारी काम पर लागू नहीं होंगे।’’

हालांकि सरकार ने चीनी कंपनियों से उत्पादों की खरीद पर पाबदी नहीं लगायी है, लेकिन उसने सामान्य वित्तीय नियम (जीएफआर) 2017 में संशोधन किया है ताकि सार्वजनिक खरीद में बोलीदाताओं पर भारत की रक्षा या राष्ट्रूीय सुरक्षा के आधार पर उन देशों से खरीद को लेकर पाबंदी लगायी जा सके, जिनकी सीमाएं भारत से मिलती हैं।

सार्वजनिक कंपनियों को उन निविदाओं को रद्द करने की जरूरत होगी, अगर पात्र बोलीदाता उन देशों से है, जिनकी सीमाएं भारत से मिलती हैं। इसमें चीन शामिल हैं।

जे सागर एसोसिएट्स के भागीदारी टोनी वर्गीज ने कहा कि दूरसंचार उपकरणों की खरीद को लेकर सरकार द्वारा दूरसंचार लाइसेंस नियमों में संशोधन का कदम 5जी नीलामी को देखते हुए उम्मीद के अनुरूप है।

उन्होंने कहा, ‘‘दूरसंचार उपकरण दूरसंचार संपर्क और आंकड़ों के हस्तांतरण के लिहाज से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसका देश की सुरक्षा से सीधा संबंध है। इसीलिए इस प्रकार की नीतिगत निर्णय किया गया है…।’’

भाषा रमण मनोहर

मनोहर