2021-22 के दौरान अर्थव्यवस्था की वास्तविक वृद्धि दर मात्र एक प्रतिशत रहने का ही अनुमान

2021-22 के दौरान अर्थव्यवस्था की वास्तविक वृद्धि दर मात्र एक प्रतिशत रहने का ही अनुमान

2021-22 के दौरान अर्थव्यवस्था की वास्तविक वृद्धि दर मात्र एक प्रतिशत रहने का ही अनुमान
Modified Date: November 29, 2022 / 08:54 pm IST
Published Date: December 31, 2020 4:19 pm IST

मुंबई, 31 दिसंबर (भाषा) अगले वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था के 9.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया जा रहा है। लेकिन वास्तविक आधार पर गणना करने पर देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर मात्र एक प्रतिशत ही रहने की संभावना है।

रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स की रपट के मुताबिक 2021-22 में देश की जीडीपी वास्तविक आधार पर 147.17 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के हिसाब से 2011-12 के मूल्य पर 2019-20 में देश की अर्थव्यवस्था का आकार 145.66 लाख करोड़ रुपये था।

वास्तविक आधार पर अर्थव्यवस्था की गणना में मुद्रास्फीति के प्रभाव को भी जोड़ा जाता है।

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रेटिंग एजेंसी के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था के 7.8 प्रतिशत घटकर 134.33 लाख करोड़ रुपये रह जाने की संभावना है। जबकि 2021-22 में इसके 9.6 प्रतिशत की दर से बढ़कर 147.17 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचने का अनुमान है।

भाषा शरद अजय

अजय


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