उत्तरी क्षेत्र में बिजली मांग 89.4 गीगावाट पहुंचने से ‘ट्रिपिंग’ की स्थिति बनी

उत्तरी क्षेत्र में बिजली मांग 89.4 गीगावाट पहुंचने से ‘ट्रिपिंग’ की स्थिति बनी

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  • Publish Date - June 19, 2024 / 04:58 PM IST,
    Updated On - June 19, 2024 / 04:58 PM IST

नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा) उत्तर भारत के राज्यों में सोमवार को बिजली की मांग के 89.4 गीगावाट पर पहुंचने और आपूर्ति कम होने से कुछ जगहों पर बिजली गुल होने (ट्रिपिंग) की स्थिति का सामना करना पड़ा।

उत्तरी क्षेत्र में बिजली की मांग का आंकड़ा दर्ज करने वाले उत्तर क्षेत्रीय लोड डिस्पैच सेंटर (एनआरएलडीसी) ने एक रिपोर्ट में कहा कि सोमवार को उत्तरी भारत में बिजली की मांग बढ़कर 89.4 गीगावाट हो जाने से आपूर्ति में 16.5 गीगावाट का अंतर पैदा हो गया था।

रिपोर्ट के मुताबिक, मांग की तुलना में आपूर्ति कम होने से हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में बिजली गुल होने की स्थिति पैदा हो गई।

किसी इलाके में क्षमता से अधिक मांग होने पर बिजली स्टेशन ट्रिप कर जाते हैं और बिजली गुल हो जाती है।

एनआरएलडीसी केंद्रीय बिजली मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय लोड डिस्पैच सेंटर (एनएलडीसी) का एक हिस्सा है। एनएलडीसी अंतर-क्षेत्रीय लिंक पर बिजली की आपूर्ति के लिए जिम्मेदार है।

एनआरएलडीसी ने कहा, ‘‘सोमवार को दोपहर एक बजकर 53 मिनट पर उत्तरी क्षेत्र की मांग में 16.5 गीगावाट की कमी देखी गई। कुरुक्षेत्र के एचवीडीसी लिंक के ट्रिप होने के बाद उत्तरी क्षेत्र में कम वोल्टेज देखा गया और बिजली भार में कमी आई।’’

इसी तरह अलीगढ़ का पीजीसीआईएल स्टेशन भी पांच 765 केवी लाइन के ट्रिप हो जाने से प्रभावित हुआ। घटना से पहले, एनआर का शुद्ध आयात 15,500 मेगावाट था और 89,410 मेगावाट की मांग को पूरा किया जा रहा था। 765 केवी आगरा-ग्वालियर लाइनों पर कम वोल्टेज और उच्च लोडिंग को देखते हुए लोड को धीरे-धीरे बहाल किया गया। सिस्टम लोड को 14.30 बजे तक सामान्य स्तर पर बहाल कर दिया गया।

उत्तरी क्षेत्र में भाखड़ा, करछम, सैंज, रंजीत सागर बांध (कुल-1,237 मेगावाट) में पनबिजली इकाई ट्रिप हो गई। ललितपुर, राजवेस्ट, ऊंचाहार, पानीपत (कुल-1,250 मेगावाट) में ताप विद्युत इकाई ट्रिप हो गई।

ट्रिपिंग के मामले बढ़ने पर बिजली इंजीनियरों के महासंघ एआईपीईएफ के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने सरकार से तत्काल जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने भीषण गर्मी की इस लहर को बाढ़ और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदा घोषित करने का अनुरोध करते हुए कहा कि कार्यालयों का समय भी सुबह सात बजे से दोपहर दो बजे तक कर देना चाहिए।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय