स्मार्टफोन के ‘सार्वभौमिक प्रमाणक’ के रूप में इस्तेमाल पर काम कर रहा है यूआईडीएआई : सीईओ |

स्मार्टफोन के ‘सार्वभौमिक प्रमाणक’ के रूप में इस्तेमाल पर काम कर रहा है यूआईडीएआई : सीईओ

स्मार्टफोन के ‘सार्वभौमिक प्रमाणक’ के रूप में इस्तेमाल पर काम कर रहा है यूआईडीएआई : सीईओ

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:01 PM IST, Published Date : November 24, 2021/2:21 pm IST

मुंबई, 24 नवंबर (भाषा) भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) किसी भी निवासी की पहचान के लिए स्मार्टफोन को ‘सार्वभौमिक प्रमाणक’ के रूप में उपयोग करने पर विचार कर रहा है। यूआईडीएआई के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

यूआईडीएआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सौरभ गर्ग ने ‘ईटीबीएफएसआई कन्वर्ज’ शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रमाणीकरण के लिए वर्तमान में उंगलियों के निशान, आंखों (आईरिस) और वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) का उपयोग किया जाता है और इसका दायरा बढ़ाने के प्रयास जारी हैं।

गर्ग ने कहा, ‘‘हम देख रहे हैं कि स्मार्टफोन एक सार्वभौमिक सत्यापक के रूप में कैसे विकसित हो सकता है। इस दिशा में काम चल रहा है और हमें आशा है कि हम इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ने में सक्षम होंगे। इससे लोगों को जहां वे रह रहे हैं, वही से प्रमाणीकरण करने में मदद मिलेगी।’’

उन्होंने कहा कि वर्तमान में कुल 120 करोड़ मोबाइल कनेक्शनों में से 80 करोड़ स्मार्टफोन हैं जिनका उपयोग प्रमाणीकरण के लिए किया जा सकता है।

गर्ग ने हालांकि प्रमाणीकरण के लिए स्मार्टफोन का उपयोग करके पहचान की प्रक्रिया कैसे पूरी हो सकती है, इस पर कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं दी।

भाषा जतिन अजय

अजय

 

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