इस्लामाबाद, 23 सितंबर (भाषा) पिछले तीन दशकों की सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहे पाकिस्तान को इस स्थिति से निपटने के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय कर्जों के पुनर्भुगतान को फिलहाल रोकने के साथ ही कर्जों के पुनर्गठन के बारे में भी प्रयास करना चाहिए। स्थानीय मीडिया में संयुक्त राष्ट्र ज्ञापन का हवाला देते हुए यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है।
पाकिस्तानी समाचारपत्र ‘द डॉन’ में शुक्रवार को प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने पाकिस्तान सरकार के साथ साझा किए गए एक ज्ञापन में कहा है कि बाढ़ की विभीषिका से निपटने के लिए पहले से ही वित्तीय संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान को कर्ज पुनर्गठन एवं पुनर्भुगतान के संबंध में अपने रुख को संशोधित करने की जरूरत है।
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान का कहना है कि इस साल पाकिस्तान पर कुल कर्ज एवं देनदारियां बढ़कर 59.7 अरब डॉलर हो गईं जो एक साल पहले की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है।
पाकिस्तान सरकार ने इस मानसून में हुई भारी बारिश से आई भीषण बाढ़ से अर्थव्यवस्था को करीब 30 अरब डॉलर का नुकसान होने का अनुमान जताया है। इस बाढ़ में पाकिस्तान का करीब एक-तिहाई हिस्सा बुरी तरह प्रभावित हुआ है जिसमें जान-माल की भी क्षति हुई है।
यूएनडीपी के ज्ञापन में सुझाव दिया गया है कि सरकार को अपने कर्ज के पुनर्भुगतान को फिलहाल रोक देना चाहिए। इसके अलावा कर्जदाताओँ को कर्ज पुनर्गठन या अदला-बदली के बारे में भी गौर करना चाहिए जिसके तहत सरकार जलवायु परिवर्तन के झटकों को झेलने में सक्षम अवसंरचना के विकास में निवेश करे।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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