खेती किसानों की जमीन के डिजिटलीकरण का काम कर रही हैं केंद्र सरकार: गिरिराज |

खेती किसानों की जमीन के डिजिटलीकरण का काम कर रही हैं केंद्र सरकार: गिरिराज

खेती किसानों की जमीन के डिजिटलीकरण का काम कर रही हैं केंद्र सरकार: गिरिराज

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:12 PM IST, Published Date : September 16, 2021/8:07 pm IST

लखनऊ, 16 सितंबर (भाषा) केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत सरकार का बहुत बडा लक्ष्य हैं कि खेती किसानी की जमीन का और उससे जुड़े तमाम कार्यों का डिजिटलीकरण किया जाये।

उन्होंने कहा कि खेती किसानी के काम में पारदर्शिता हों इसी लिये सरकार रजिस्ट्री, रिकार्ड, जमीन की खरीद सभी कुछ का डिजिटल रिकार्ड रखने और उसका डिजिटलीकरण कर रही है।

पंचायती राज और अन्य विभागों की समीक्षा करने लखनऊ आये सिंह ने लोकभवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उप्र की आबादी 24 से 25 करोड है। प्रदेश की अधिकतम 22 फीसदी आबादी शहरी है जबकि 75 फीसदी आबादी ग्रामीण है। प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, मनरेगा योजना, आजीविका मिशन योजना और दीनदयाल कौशल योजना जैसे कई कार्यक्रमों के तहत सरकार लोगों को बेहतर जिंदगी देने के लिये काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि ‘‘पूरे देश में खेती की जमीन का डिजिटलीकरण हम कर रहे है, इसके अलावा रजिस्ट्री कार्यालय का, रिकार्ड रूम का भी डिजिटलीकरण का काम कर रहे हैं। अभी दस करोड भूखंडों की खरीद फरोख्त का काम डिजिटल तरीके से हुआ। जब जमीन का रिकार्ड डिजिटल होगा तो देश के अंदर पारदर्शिता और गांव में होने वाले झगड़ों से मुक्ति मिलेगी।’’

मनरेगा के बारे में जानकारी देते हुये उन्होंने कहा कि अगर 2013 और 2014 को देखे तो उस समय तक एक लाख 93 हजार 644 करोड रूपये का खर्च पांच वर्ष में किया गया। वहीं नरेंद्र मोदी सरकार ने वर्ष 2021-22 इससे कहीं अधिक खर्च किये। मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी 53 से 54 प्रतिशत तक पहुंच गई है।

पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुये सिंह ने कहा कि पहले राज्यों में आवास योजना नगण्य थी। उप्र में पहले लोहिया आवास योजना बनी थी वह आवास योजना कुछ चुनिंदा लोगो के लिये ही उपलब्ध थी, यह एक तरह से राजनीतिक आवास योजना थी। लेकिन योगी और मोदी काल में सभी बेघरों को घर मिला है यह अंतर है इस सरकार और पिछली सरकार के कार्यकाल में जो देखने को मिल रहा है।

भाषा जफर

अर्पणा महाबीर

महाबीर

 

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