चालू रबी सत्र में अबतक गेहूं की बुवाई 25 प्रतिशत बढ़कर 255.76 लाख हेक्टेयर पर |

चालू रबी सत्र में अबतक गेहूं की बुवाई 25 प्रतिशत बढ़कर 255.76 लाख हेक्टेयर पर

चालू रबी सत्र में अबतक गेहूं की बुवाई 25 प्रतिशत बढ़कर 255.76 लाख हेक्टेयर पर

:   Modified Date:  December 9, 2022 / 03:40 PM IST, Published Date : December 9, 2022/3:40 pm IST

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) चालू रबी सत्र में गेहूं बुवाई का रकबा अबतक 25 प्रतिशत बढ़कर 255.76 लाख हेक्टेयर हो गया है। मुख्यत: उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में अधिक बुवाई होने के कारण रबी बुवाई में वृद्धि हुई है।

रबी (सर्दियों में बोई जाने वाली) सत्र की प्रमुख फसल गेहूं का रकबा पिछले साल इसी अवधि में 203.91 लाख हेक्टेयर था।

रबी फसलों की बुवाई अक्टूबर से शुरू होती है।

उत्तर प्रदेश (20.09 लाख हेक्टेयर), मध्य प्रदेश (13.48 लाख हेक्टेयर), राजस्थान (5.32 लाख हेक्टेयर), गुजरात (2.61 लाख हेक्टेयर), महाराष्ट्र (2.43 लाख हेक्टेयर), बिहार (2.24 लाख हेक्टेयर), पंजाब (1.32 लाख हेक्टेयर) और हरियाणा (1.28 लाख हेक्टेयर) में रबी की बुवाई अधिक रही है।

गेहूं के बुवाई क्षेत्र में वृद्धि देश के लिए अच्छा संकेत है क्योंकि फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में घरेलू उत्पादन पिछले वर्ष के मुकाबले घटकर 10 करोड़ 68.4 लाख टन रह गया था।

इस साल मई में सरकार ने घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। घरेलू उत्पादन में गिरावट और निजी कारोबारियों द्वारा आक्रामक खरीद के कारण सरकारी स्वामित्व वाली भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा गेहूं की खरीद विपणन वर्ष 2022-23 में पहले के 434.44 लाख टन से घटकर 187.92 लाख टन रह गई थी।

नौ दिसंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक, धान का रकबा 10.42 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 11.86 लाख हेक्टेयर हो गया है। अभी तक पहले के 123.77 लाख हेक्टेयर के मुकाबले दलहन की बुवाई 127.07 लाख हेक्टेयर में की जा चुकी है। चने का रकबा 87.28 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 89.42 लाख हेक्टेयर हो गया है।

मोटे अनाज का रकबा पिछले साल के 32.05 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 36.39 लाख हेक्टेयर हो गया है।

गैर-खाद्यान्न श्रेणी में तिलहन का रकबा 87.65 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 95.19 लाख हेक्टेयर हो गया है। रबी सत्र की प्रमुख तिलहन फसल सरसों 80.78 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 87.95 लाख हेक्टेयर हो गई है।

भारत अपनी खाद्य तेलों की जरूरत का करीब 60 प्रतिशत आयात करता है। इसलिए सरसों के रकबे में बढ़ोतरी से सरसों तेल के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।

रबी फसलों के तहत कुल बुवाई क्षेत्र पिछले वर्ष की इसी अवधि के 457.80 लाख हेक्टेयर से अबतक बढ़कर 526.27 लाख हेक्टेयर हो गया है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)