विश्व बैंक ने पंजाब, महाराष्ट्र में दो परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण को मंजूरी दी

विश्व बैंक ने पंजाब, महाराष्ट्र में दो परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण को मंजूरी दी

विश्व बैंक ने पंजाब, महाराष्ट्र में दो परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण को मंजूरी दी
Modified Date: November 26, 2025 / 03:30 pm IST
Published Date: November 26, 2025 3:30 pm IST

नयी दिल्ली, 26 नवंबर (भाषा) विश्व बैंक ने भारत में दो परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं के तहत पंजाब में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और महाराष्ट्र के छोटे एवं सीमांत किसानों की आय बढ़ाने के लिए नवीन डिजिटल समाधान का उपयोग किया जाएगा। इससे 60 लाख से अधिक लोगों को लाभ होगा। विश्व बैंक ने एक बयान में यह जानकारी दी।

विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल ने 25 नवंबर को भारत में दो परियोजनाओं को मंजूरी दी।

पंजाब परिणाम आधारित स्कूल शिक्षा संचालन में तेजी (पीओआईएसई) कार्यक्रम (28.6 करोड़ डॉलर) सीखने के परिणामों पर नजर रखने के लिए प्रौद्योगिकी की सहायता से राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में सुधार करने में मदद करेगा।

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यह सुनिश्चित करेगा कि 13 लाख छात्र प्राथमिक विद्यालयों में और 22 लाख से अधिक छात्र माध्यमिक विद्यालयों में नामांकित हों। इसके अलावा, 59 लाख छात्रों को शुरुआती शिक्षा में सहायता प्रदान की जाएगी।

महाराष्ट्र जलवायु अनुकूल कृषि परियोजना (पीओसीआरए) चरण दो (49 करोड़ डॉलर) कार्यक्रम, सटीक कृषि पद्धतियों में डिजिटल तकनीक को अपनाकर फसल उत्पादकता बढ़ाएगी। यह विधि यह सुनिश्चित करने के लिए तकनीक का उपयोग करती है कि फसलों और मिट्टी को उनकी सर्वोत्तम स्वास्थ्य और उत्पादकता के लिए आवश्यक सभी चीजें प्राप्त हों, जिससे उत्पादन अधिकतम हो और बर्बादी को रोका जा सके।

महाराष्ट्र में 20 लाख से ज्यादा छोटे और सीमांत किसान हैं। इनमें 2.9 लाख महिलाएं हैं। वे बेहतर मृदा स्वास्थ्य, पोषक तत्व प्रबंधन और जल-उपयोग दक्षता से लाभान्वित होंगे। इससे महाराष्ट्र के 21 जिलों के छोटे किसानों के लिए जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद मिलेगी और आय के स्तर में 30 प्रतिशत की वृद्धि होगी।

विश्व बैंक इंडिया के कार्यवाहक क्षेत्रीय निदेशक पॉल प्रोसी ने कहा कि डिजिटल बुनियादी ढांचे में दक्षता बढ़ाकर, नवाचार को बढ़ावा देकर और स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि तथा अन्य आवश्यक क्षेत्रों में परिणामों में सुधार करके आर्थिक विकास और गरीबी उन्मूलन को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देने की क्षमता है।

प्रोसी ने कहा, ‘‘ये दोनों नई परियोजनाएं बेहतर रोजगार के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और फसल उत्पादकता बढ़ाने और बेहतर आजीविका के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से भारत के विकसित भारत के दृष्टिकोण का समर्थन करेंगी।’’

पीओआईएसई परियोजना की अवधि 19 वर्ष है। इसमें पांच वर्ष की छूट अवधि शामिल है और पीओसीआरए चरण दो परियोजना की अवधि 24 वर्ष है। इसमें छह वर्ष की छूट अवधि शामिल है।

भाषा रमण अजय

अजय


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