योगी सरकार ने 2022-23 के लिये पेश किया 6,15,518 करोड़ रुपये का बजट |

योगी सरकार ने 2022-23 के लिये पेश किया 6,15,518 करोड़ रुपये का बजट

योगी सरकार ने 2022-23 के लिये पेश किया 6,15,518 करोड़ रुपये का बजट

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:03 PM IST, Published Date : May 26, 2022/10:12 pm IST

लखनऊ, 26 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट बृहस्पतिवार को विधानसभा में पेश किया गया। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए छह लाख 15 हजार 518 करोड़ रुपये का यह बजट प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट है और इस प्रस्तावित बजट में सरकार ने समग्र शिक्षा अभियान पर 18,670 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है।

बजट विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने प्रस्तुत किया। यह पिछले वित्त वर्ष के लिये पारित 5,50,270 करोड़ रुपये के बजट के मुकाबले 65 हजार 249 करोड़ रुपये अधिक है। इस बजट में पुलिस तंत्र में बेहतरी के साथ किसानों, महिलाओं, युवाओं, चिकित्सा, शिक्षा क्षेत्रों और आस्था के केंद्रों के विकास के लिए सरकार ने खजाना खोला है।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सराहना की। खन्ना ने कहा कि आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए देवबंद में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) केंद्र का निर्माण कार्य प्रगति पर है और मेरठ, बहराइच, कानपुर, आजमगढ़ एवं रामपुर में ऐसे केंद्रों का निर्माण कराया जाएगा। कानून-व्यवस्था सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इस बजट में 37 सौ करोड़ रुपये की धनराशि पुलिस सुदृढ़ीकरण और आधारभूत ढांचों के विकास और पुलिस सुधार के लिए प्रस्तावित किया गया है।

वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में 39 हजार 181 करोड़ 10 लाख रुपये की नयी योजनाएं शामिल की गयी हैं। बजट में कुल पांच लाख 90 हजार 951 करोड़ 71 लाख रुपये की कुल प्राप्तियां अनुमानित हैं। इनमें चार लाख 99 हजार 951 करोड़ 71 लाख रुपये की राजस्व प्राप्तियां और 91 हजार 739 करोड़ रुपये की पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं।

बजट में 81 हजार 177 करोड़ 97 लाख रुपये का राजकोषीय घाटा अनुमानित है जो वर्ष के लिये अनुमानित सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 3.96 प्रतिशत है।

विभिन्न विभागों की आवश्यकताओं और भविष्य की जरूरतों को देखते हुए बजट में प्रावधान किये गये हैं।

योगी सरकार (2.0) के पहले बजट में शिक्षा पर खासा जोर दिया गया है और समग्र शिक्षा अभियान के लिए इस बार भी सरकार ने बजट में भारी-भरकम राशि की व्यवस्था करते हुए 18,670 करोड़ 72 लाख और मध्याह्न भोजन (मिड-डे मील) के लिए 3548.93 करोड़ तथा फल वितरण मद में 166.71 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। साथ ही कक्षा एक से आठ तक में अध्ययनरत विद्यार्थियों के नि:शुल्क यूनिफॉर्म, स्वेटर , बैग आदि मद में 370 करोड़ की व्यवस्था की गयी है। सरकार ने सैनिक स्कूलों के संचालन के लिए बजट में 98 करोड़ 38 लाख रुपये की व्यवस्था की है। संस्कृत पाठशालाओं को अनुदान के लिए 836 करोड़ 80 लाख रुपये की व्यवस्था की गयी है ।

राज्‍य सरकार ने संस्कृत की शिक्षा को बढ़ावा देने की बड़ी पहल की है। संस्कृत में आधुनिक विषयों का समावेश करते हुए एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया गया है। संस्कृत पाठशालाओं को अनुदान के लिए बजट में 324 करोड़ 41 लाख रुपये की व्यवस्था की गयी है।

राज्‍य सरकार के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने आर्थिक विकास की तरफ मास्‍टर स्‍ट्रोक चला है और वित्त वर्ष 2022-23 का बजट 2016-17 में समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव के नेतृत्व की सरकार के बजट से दोगुना बड़ा है। इसे 1,000 अरब डॉलर अर्थव्यवस्था की ओर मजबूत कदम बताया गया है।

सरकार ने बजट में ऊर्जा सुधार पर विशेष ध्‍यान दिया है और राज्य के बजट से इस मद में 5,530 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। सरकार ने सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्रों के लिए भी बजट में प्रावधान किया है और पावरलूम बुनकरों को रियायती दर पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए 250 करोड़ रुपये दिये हैं। बजट प्रस्तावों में वाराणसी में संत रविदास संग्रहालय एवं सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपये तथा संत कबीर संग्रहालय की स्थापना हेतु 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

किसानों के लिए भी सरकार ने अपनी प्राथमिकता तय की है। इस बजट में मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के लिये 1,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसके अलावा 15,000 सोलर पंपों की स्थापना और 60.20 लाख क्विंटल बीजों का वितरण किया जाना प्रस्तावित है। बीज, खाद पानी और सामाजिक सुरक्षा पर भी सरकार ने बजट में व्यवस्था की है।

इसके अलावा महिला सामर्थ्य योजना के लिए 72 करोड़ 50 लाख रुपये की धनराशि प्रस्तावित है। महिला उत्थान के लिये सूक्ष्म एवं लघु उद्योग क्षेत्र में मिशन शक्ति कार्यक्रम के अन्तर्गत महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तीकरण तथा कौशल विकास के लिये 20 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है।

स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तीकरण योजना के तहत 2022-2023 के लिये 1,500 करोड़ रुपये की बजटीय व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना में 30 करोड़ प्रस्तावित है तथा खेलों को सशक्त बनाने के लिए भी योगी सरकार ने आगे कदम बढ़ाया है। सरकार ने 19,500 करोड़ रुपये का बजट जल जीवन मिशन की योजनाओं के लिए प्रस्तावित किया है। उप्र के 14 जिलों के स्कूलों में जल शोधन संयंत्र लगाने का भी बंदोबस्त बजट में किया गया है।

प्रतियोगी छात्रों को उनके घर के पास ही कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा सभी मंडल मुख्यालयों में चलाई जा रही मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का विस्तार प्रदेश के सभी जिलों में करने के लिए 30 करोड़ रुपये के प्रावधान का प्रस्ताव है।

बजट में, वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की स्थापना के लिये जमीन खरीदने के वास्ते 95 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। खेल के विकास एवं उत्कृष्ट कोटि के खिलाड़ी तैयार करने के लिए मेरठ में मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय के निर्माण पर 700 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की जाएगी। वहीं, विश्वविद्यालयों के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था का प्रावधान प्रस्तावित है।

पर्यटन विकास के साथ साथ आस्था के केंद्रों के लिए सरकार ने दरियादिली दिखाई है। खासतौर से अयोध्या, काशी, चित्रकूट और विंध्याचल का विशेष ख्याल रखा है। अयोध्या और काशी में पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए 100-100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा और भी प्रबंध किये गये हैं। प्रयागराज में 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ की तैयारी के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रबंध किया गया है। स्‍मार्ट शहरों के लिए खजाने को खोला गया है और सरकार ने स्मार्ट सिटी के तहत चयनित 10 शहरों के लिए दो हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।

भाषा आनन्द सलीम

धीरज अजय

अजय

 

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