EPFO ने तत्काल बंद की यह सुविधा, सात करोड़ ग्राहकों को अब नहीं मिलेगा ये लाभ

EPFO immediately stopped this facility: कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान ईपीएफ सदस्यों को नॉन-रिफंडेबल एडवां की सुविधा दी गई थी। इसके बाद महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर 31 मई, 2021 से एक और एडवांस की अनुमति भी दी गई थी।

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  • Publish Date - June 14, 2024 / 10:05 PM IST,
    Updated On - June 14, 2024 / 10:06 PM IST

EPFO immediately stopped this facility: नई दिल्ली: ईपीएफओ के लगभग सात करोड़ सब्सक्राइबर्स के लिए जरूरी खबर है। कोविड-19 एडवांस फैसिलिटी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। कोरोना काल में लाखों सब्सक्राइबर्स ने इस सुविधा का लाभ उठाया था।

कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान ईपीएफ सदस्यों को नॉन-रिफंडेबल एडवां की सुविधा दी गई थी। इसके बाद महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर 31 मई, 2021 से एक और एडवांस की अनुमति भी दी गई थी। ईपीएफओ ने 12 जून, 2024 को जारी एक सर्कुलर में इस सुविधा को बंद करने की घोषणा की है।

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ईपीएफओ ने कहा है कि अब कोविड-19 महामारी नहीं रह गई है, इसलिए तत्काल प्रभाव से एडवांस फैसिलिटी को बंद करने का निर्णय लिया है। यह फैसला छूट प्राप्त ट्रस्टों पर भी लागू होगा। निजी क्षेत्र में काम करने वाले वर्कर्स की बेसिक सैलरी पर 12% की कटौती ईपीएफ अकाउंट के लिए की जाती है। साथ ही कंपनी भी इतना ही पैसा कर्मचारी के पीएफ खाते में जमा करती है।

ईपीएफ खातों से पैसे निकालने का प्रावधान पहली बार मार्च 2020 में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) के तहत घोषित किया गया था। जून 2021 में श्रम मंत्रालय ने घोषणा की कि ईपीएफ सदस्य अपने ईपीएफ अकाउंट्स से दूसरा नॉन-रिफंडेबल एडवांस प्राप्त कर सकते हैं। इससे पहले ईपीएफ सदस्यों के लिए केवल वन-टाइम एडवांस की सुविधा थी।

ईपीएफओ अपने सदस्यों को तीन महीने के मूल वेतन और महंगाई भत्ते या ईपीएफ खाते में उपलब्ध राशि का 75%, जो भी कम हो, नॉन-रिफंडेबल विड्रॉल की अनुमति देता है। हालांकि, सदस्य कम राशि के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। मकान, विवाह और शिक्षा से संबंधित एडवांस क्लेम के लिए EPFO ने ऑटो-मोड सेटलमेंट लागू किया है।

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कोविड एडवांस फैसिलिटी

कोविड एडवांस के रूप में ईपीएफ सब्सक्राइबर तीन महीने के मूल वेतन और महंगाई भत्ते के बराबर या अकाउंट में शेष राशि का 75 प्रतिशत तक, जो भी कम हो, नॉन-रिफंडेबल विड्रॉल कर सकते थे। इसके लिए सदस्य या एम्प्लॉयर को कोई प्रमाण पत्र या दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं थी। यदि कोई कर्मचारी, उसके माता-पिता, जीवनसाथी या बच्चे कोविड के कारण बीमार हो जाते तो सदस्य को पैसा निकालने की सुविधा थी।

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इस प्रकार की ईपीएफ निकासी में कोई लॉक-इन अवधि या न्यूनतम सेवा आवश्यकता नहीं थी। आंकड़ों के मुताबिक कुल 2.2 करोड़ सब्सक्राइबर्स ने कोरोना एडवांस सुविधा का लाभ उठाया जो ईपीएफओ के कुल सदस्यों की संख्या का एक तिहाई से ज्यादा है। यह सुविधा 2020-21 में शुरू हुई थी और तीन साल तक रही। इस दौरान पीएफ सब्सक्राइबर्स ने कोरोना एडवांस के रूप में 48,075.75 करोड़ रुपये निकाले।

ईपीएफओ की ड्राफ्ट एन्युअल रिपोर्ट 2022-23 में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक ईपीएफओ ने 2020-21 में 17,106.17 करोड़ रुपये वितरित किए जिससे 69.2 लाख सब्सक्राइबर्स को फायदा हुआ। साल 2021-22 में 91.6 लाख सब्सक्राइबर्स ने इस सुविधा का लाभ उठाया और 19,126.29 लाख करोड़ रुपये निकाले।

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