कांकेर मुठभेड़ में मारे गए 29 में से 14 नक्सली माओवादियों की युद्ध इकाई से थे: पुलिस

कांकेर मुठभेड़ में मारे गए 29 में से 14 नक्सली माओवादियों की युद्ध इकाई से थे: पुलिस

कांकेर मुठभेड़ में मारे गए 29 में से 14 नक्सली माओवादियों की युद्ध इकाई से थे: पुलिस
Modified Date: April 20, 2024 / 10:59 pm IST
Published Date: April 20, 2024 10:59 pm IST

रायपुर, 20 अप्रैल (भाषा) छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में मुठभेड़ में मारे गए 29 नक्सलियों में से 10 नक्सली मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ (एमएमसी) जोनल कमेटी के थे। पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 29 में 14 नक्सली माओवादियों के प्रमुख लड़ाकू दस्ते पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) के सदस्य थे।

राज्य के कांकेर जिले के छोटेबेठिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत कलपर और आपाटोला गांव के करीब सुरक्षाबलों ने 16 अप्रैल को मुठभेड़ में 15 महिलाओं सहित 29 नक्सलियों को मार गिराया था। इस घटना में तीन सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए थे।

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पुलिस ने आज एक बयान जारी कर बताया कि मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की पहचान की कार्यवाही पिछले चार दिनों से लगातार की जा रही थी जो आज पूरी हुई।

पुलिस ने कहा है कि कलपर-आपाटोला मुठभेड़ में मारे गये माओवादियों की पहचान करते समय यह पता चला कि इस घटना के दौरान जंगल में दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के अलावा मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ जोनल कमेटी के नक्सली भी मौजूद थे।

बयान में कहा गया है कि मारे गए 29 नक्सलियों में उत्तर बस्तर डिविजन कमेटी के डिविजनल कमेटी सदस्य शंकर राव और उसकी पत्नी एवं एरिया कमेटी सदस्य रीता भी शामिल है जो तेलंगाना के वारंगल और आदिलाबाद जिले के रहने वाले थे।

इसी तरह मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ जोनल कमेटी की माओवादी सुरेखा महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की निवासी थी।

बयान में कहा गया है कि प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन के प्रमुख लड़ाकू दल जिसे पीएलजीए के रूप में जाना जाता है, उनके भी 14 माओवादियों को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में ढेर किया है।

पुलिस के मुताबिक, मारे गये माओवादियों की पहचान की कार्यवाही पूरी होने की स्थिति में अब उनके खिलाफ पंजीकृत अपराध, लंबित वारंट और घोषित इनाम के संबंध में संबंधित जिलों से जानकारी ली जा रही है।

इस बीच माओवादियों के उत्तर सब जोनल ब्यूरो ने एक कथित प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दावा किया कि उसके 12 सदस्य मुठभेड़ में मारे गए, जबकि शेष 17 को सुरक्षाबलों ने घायल या सामान्य स्थिति में पकड़ने के बाद ‘मार डाला’।

माओवादियों ने मुठभेड़ में मारे गए सभी 29 नक्सलियों के नाम भी जारी किए हैं।

मुठभेड़ के विरोध में माओवादियों ने 25 अप्रैल को कांकेर, नारायणपुर और मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में बंद का आह्वान किया है।

नक्सलियों के दावों का खंडन करते हुए बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा, ”“पहली बार, डिविजनल समिति के सदस्यों, एरिया समिति के सदस्यों, प्रतिबंधित संगठन के पीएलजीए कैडर सहित बड़ी संख्या में सक्रिय और प्रमुख कैडर को मुठभेड़ में मार गिराया गया। डर और दहशत के कारण, माओवादियों द्वारा झूठे और बेतुके दावों के साथ एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है। ”

सुंदरराज ने कहा है, ”माओवादियों की प्रेस विज्ञप्ति से स्पष्ट हो रहा है कि माओवादी संगठन दिशा विहीन और नेतृत्व विहीन होकर खात्मे की ओर तेजी से अग्रसर हो रहा है।”

पुलिस महानिरीक्षक ने नक्सलियों को हिंसा त्याग कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर क्षेत्र के शांति और विकास में भागीदार बनने का अनुरोध किया है।

भाषा संजीव नोमान

नोमान


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