छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग घोटाला : पूर्व आईएएस अधिकारी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल

छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग घोटाला : पूर्व आईएएस अधिकारी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल

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  • Publish Date - October 6, 2025 / 09:32 PM IST,
    Updated On - October 6, 2025 / 09:32 PM IST

रायपुर, छह अक्टूबर (भाषा) छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने सोमवार को कस्टम मिलिंग घोटाला मामले में एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी अनिल टुटेजा और व्यवसायी अनवर ढेबर को आरोपी बनाया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने बताया कि कथित कस्टम मिलिंग घोटाले के संबंध में 1500 पृष्ठों का पूरक आरोपपत्र रायपुर स्थित विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि दोनों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी, 384 और 409 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए हैं।

बयान में कहा गया है कि दोनों आरोपी वर्तमान में रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।

इससे पहले, फरवरी 2025 में, ईओडब्ल्यू ने छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (सीजी-मार्कफेड) के पूर्व प्रबंध निदेशक मनोज सोनी और छत्तीसगढ़ राज्य राइस मिलर्स एसोसिएशन के तत्कालीन कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर के खिलाफ मामले में पहला आरोपपत्र दायर किया था।

जांच से पता चलता है कि टुटेजा ने छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ एक कथित आपराधिक साजिश में, कस्टम मिलिंग में राइस मिलरों से बड़े पैमाने पर अवैध धन उगाही की। इस अवैध गतिविधि के माध्यम से उन पर कम से कम 20 करोड़ रुपये का अवैध लाभ प्राप्त करने का आरोप है।

ईओडब्ल्यू ने कहा है कि मार्कफेड के जिला विपणन अधिकारियों पर राइस मिलरों के बिल रोके रखने का दबाव डाला गया, जिससे उन्हें भुगतान प्राप्त करने के लिए 20 रुपये प्रति क्विंटल का अवैध कमीशन देने के लिए मजबूर होना पड़ा।

ईओडब्ल्यू ने कहा कि कांग्रेस नेता रामगोपाल अग्रवाल और घोटाले से जुड़े अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच अभी भी जारी है।

टुटेजा और ढेबर दोनों को पहले राज्य में कथित शराब घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।

राज्य के ईओडब्ल्यू/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से प्राप्त एक रिपोर्ट के आधार पर एक कथित चावल मिलिंग घोटाले के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की थी, जो कथित घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू की जांच कर रहा है।

राज्य की एजेंसी के अनुसार, जांच में इस मामले में चावल मिल मालिकों से लगभग 140 करोड़ रुपये की अवैध वसूली का पता चला है।

ईडी के अनुसार, 175 करोड़ रुपये का कथित घोटाला खरीफ विपणन सीजन 2021-22 के दौरान किया जा रहा था, जब छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का शासन था।

भाषा

संजीव रवि कांत