मुसीबत में फंसे कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, भाजपा नेता की चुनावी याचिका पर जारी रहेगी सुनवाई…जानें पूरा मामला
Congress MLA Devendra Yadav in trouble: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा उम्मीदवार प्रेमप्रकाश पांडेय ने याचिका दायर की थी। याचिका में पांडेय ने कहा कि देवेंद्र यादव ने जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन कर नामांकन में अपनी संपत्ति की जानकारी छिपाई है।
Devendra Yadav became the general secretary of the Chhattisgarh Olympic Association
बिलासपुर। Congress MLA Devendra Yadav in trouble विधायक देवेंद्र यादव की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब उन्हें हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। पूर्व विधायक प्रेम प्रकाश पांडेय की चुनावी याचिका को कोर्ट ने चलने योग्य माना है। विधायक देवेंद्र यादव ने सुनवाई नहीं करने को लेकर हाईकोर्ट में आवेदन लगाया था। चुनावी याचिका में गलत जानकारी पेश करने का याचिका में जिक्र किया गया है। मामले में अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी।
इसके पहले छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने दुर्ग संभाग की भिलाई नगर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को चुनाव याचिका के संबंध में 7 फरवरी को नोटिस जारी किया था। यह याचिका भाजपा उम्मीदवार व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडेय ने अधिवक्ता शैलेन्द्र शुक्ला के माध्यम से दायर की है।
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याचिका में देवेंद्र यादव के निर्वाचन को हलफनामे में संपत्ति के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी एवं आपराधिक मामले छिपाने के आधार पर चुनौती दी गई है। प्रेम प्रकाश पांडेय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता को सुनने के बाद न्यायमूर्ति राकेश मोहन पांडेय की एकल पीठ ने देवेंद्र यादव को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा था।
बीते दो हफ्ते पहले हाईकोर्ट ने भिलाई के कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की सिंगल बेंच में देवेंद्र यादव की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें दोनों पक्षों की बहस के बाद कोर्ट ने फैसला रिजर्व रख लिया।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा उम्मीदवार प्रेमप्रकाश पांडेय ने याचिका दायर की थी। याचिका में पांडेय ने कहा कि देवेंद्र यादव ने जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन कर नामांकन में अपनी संपत्ति की जानकारी छिपाई है। साथ ही आपराधिक केस का भी अपने शपथपत्र में उल्लेख नहीं किया, इसलिये उनका निर्वाचन निरस्त किया जाए।
याचिकाकर्ता ने अपनी चुनावी याचिका में ये भी कहा “चुनाव आयोग से आपराधिक मामलों और संपत्ति की जानकारी छिपाना प्रावधानों का उल्लंघन है। यदि कोई उम्मीदवार इस तरह की जानकारी छिपाता है, तो उसका निर्वाचन अवैध हो जाता है। रायपुर और बिलासपुर कोर्ट ने देवेंद्र यादव को समन जारी किया, जिसमें उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया है।”
जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की सिंगल बेंच में हुई सुनवाई में देवेंद्र यादव की ओर से एडवोकेट बीपी शर्मा ने आवेदन पेश किया और याचिका को चलने योग्य नहीं बताया। सभी पक्षों की सुनवाई और बहस पूरी हो जाने के बाद कोर्ट ने फिलहाल फैसले को रिजर्व रख लिया था, लेकिन इसी मामले में अब कोर्ट ने याचिका को चलने योग्य माना है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी।

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