गरीबों को रुलाने लगा है इंद्रप्रस्थ प्रोजेक्ट, सवा लाख रूपए तक ज्यादा वसूली कर रही है RDA, जानिए क्या है पूरा मामला
Indraprastha project has started making the poor cry, RDA is recovering more than Rs
रायपुरः रायपुर विकास प्राधिकरण का राजधानी रायपुर में बना इंद्रप्रस्थ प्रोजेक्ट गरीब लोगों को रूलाने लगा है। EWS और LIG ग्रुप के लोगों के लिए यहां फ्लैट बनाए गए, लेकिन तय वक्त में इसे पूरा कराने में नाकाम RDA निर्माण एजेंसी से हर्जाना वसूलने की बजाय अब आम लोगों को निचोड़ने में लगा हुआ है। रजिस्ट्रेशन के वक्त की कीमत से एक से सवा लाख रूपए तक ज्यादा वसूला जा रहा है।
रायपुर के रिंग रोड के ठीक बाजू में तैयार ये बड़े-बड़े अपार्टमेंट रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी के इंद्रप्रस्थ प्रोजेक्ट की है। साल 2016 में जब इसे लॉंच किया गया था, तब इसे आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए सौगात बताया गया था। लेकिन 5 साल बाद लोग इसे RDA की मनमानी का रूप करार दे रहे हैं। 2016 में पंजीयन के वक्त कहा गया कि 2019 तक फ्लैट तैयार कर पजेशन दे दिया जाएगा। लेकिन RDA की एजेंसी तय वक्त में घर नहीं बना सकी। छह महीने बाद कोरोना आ गया। लंबी जद्दोजहद और भागदौड़ के बाद अब लोगों को मकान मिल रहा है। लेकिन अपनी गलती की सजा RDA गरीब लोगों को दे रहा है। लेट प्रोजेक्ट कॉस्ट और बढ़े मेंटेनेंस शुल्क के रूप में 40 से 70 हजार रुपये ज्यादा वसूल रहा है। फ्लैट की बेस कीमत बढ़ी, तो मेंटेनेंस फीस भी बढ़ा दी गई। कुल मिलाकर लोगों से एक से सवा लाख रुपए तक ज्यादा वसूला जा रहा है।
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आम लोग भले सवाल कर रहे हों कि जब उनकी कोई गलती नहीं है तो उनसे एक से सवा लाख ज्यादा क्यों वसूले जा रहे हैं। लेकिन RDA उनकी तकलीफ को कम करने की बजाय केंद्र सरकार और पूर्व की भाजपा सरकार पर सवाल खड़ा कर रहा है>मकान देने के नाम पर लोगों को खून के आंसू रूलाने के किस्से प्राइवेट कॉलनाइजर्स के खूब सुने गए थे, लेकिन RDA जैसा सरकारी विभाग भी ऐसी मनमानी कर सकता है, इसे शायद लोगों ने भी सोचा नहीं होगा।
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