After Akshay Tritiya Mandeep Khol cave opens only one day in a year on the first Monday
Mandip Khol cave opens on the first Monday after Akshaya Tritiya: खैरागढ़। पैलीमेटा क्षेत्र में स्थित ऐतिहासिक और पुरात्वाविक महत्व वाली मंढीप खोल गुफा और उसके आसपास क्षेत्र में पर्यटन विकास की काफी संभावना है, किन्तु प्रशासनिक उदासीनता के चलते सुविधाओं और समस्याओं से जूझ रहा है । उल्लेखनीय है कि प्रसिद्ध मंढीप खोल गुफा साल में सिर्फ एक बार अक्षय तृतीय के बाद आने वाले पहले सोमवार को खुलती है। इस साल यह आगामी 24 अप्रैल को खुलेगी। इस मौके पर यहां प्रतिवर्षानुसार मेला का आयोजन भी होगा।
गुफा खुलने से पहले की जाती है फायरिंग
गुफा के अंदर विहंगम दृश्य को देखने और वहां स्थित शिव लिंग की पूजा करने छत्तीसगढ़ के अलावा पडोसी राज्य मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र अन्य प्रान्त के लोग भी बडी संख्या में पहुंचते हैं। ठाकुरटोला जमीदारी के अधीन आने वाली गुफा तक पहुंचने के लिए एक ही नदी को अलग-अलग स्थानों पर 16 बार पार करना पड़ता है। गुफा के खुलने के पहले पूजा कर फायरिंग की जाती है, ताकि अंदर छुपे जंगली जानवर भाग जाएं। गुफा के अंदर नीव अंधेरा रहता है, जिससे लोगों को टार्च या मशाल लेकर जाना पड़ता है ।
कोई नहीं जान पाया गुफा की लम्बाई व गहराई
गुफा कहा से शुरू होकर कहा खत्म हुई है इसे जानने का अब तक काफी प्रयास किया जा चुका है, किन्तु कोई भी इसकी किसी भी छोर को पकड नही पाया है। यहां एक गुप्त गंगा भी है। जिसका पानी अविरल बहते रहता है। लोगों का ऐसा मानना है कि इस पानी में स्नान करने से चर्म रोग तो दूर होते है और खेत में छिडकाव कर दिया जाएगा तो वहा से भी कीटाणु और रोग दूर चले जाते है ।
आज भी पिछड़ा हुआ है क्षेत्र
प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर विकास के लिए तरस रहा है । गुफा के चारो तरफ घने वृक्षों वाले जंगल हैं, जो लोगों को बरबस ही अपनी ही ओर आकर्षित करते है । यहां भी अन्य क्षेत्रों की तरह सुविधाओं का विकास कर दिया जाये तो यह क्षेत्र भी पर्यटन का केन्द्र बन सकता है। दुर्भाग्य यह है कि केसीजी जिले के अंतिम छोर में 60 कि.मी.दूरी पर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र ठाकुरटोला जमीदारी के बीहड जंगल में मंढीप खोल गुफा स्थित है। यहां बारिश के चार महीने नदी नाले उफान पर रहता है, यहां समीप आने वाले आधा दर्जन गांव का ब्लाक मुख्यालय से संम्पर्क टुट जाता है और आज भी यह क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ है। IBC24 से प्रशांत सहारे की रिपोर्ट