Raipur Digital Arrest Case: डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुआ रिटायर्ड क्लर्क, शातिर ने ऐसे लगाया 14 लाख का चूना, 4 दिन रखा गया वॉट्सऐप वीडियो कॉल पर नजरबंद

Raipur Digital Arrest Case: डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुआ रिटायर्ड क्लर्क, शातिर ने ऐसे लगाया 14 लाख का चूना, 4 दिन रखा गया वॉट्सऐप वीडियो कॉल पर नजरबंद Raipur News

Raipur Digital Arrest Case: डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुआ रिटायर्ड क्लर्क, शातिर ने ऐसे लगाया 14 लाख का चूना, 4 दिन रखा गया वॉट्सऐप वीडियो कॉल पर नजरबंद

Raipur Digital Arrest Case/Image Source: IBC24


Reported By: Tehseen Zaidi,
Modified Date: July 24, 2025 / 08:15 am IST
Published Date: July 24, 2025 8:15 am IST
HIGHLIGHTS
  • राजधानी रायपुर में डिजिटल अरेस्ट की बड़ी ठगी,
  • रिटायर्ड क्लर्क से किया गया ठगी,
  • सीबीआई अधिकारी बनकर 14 लाख रुपये की ठगी,

रायपुर: Raipur News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में साइबर अपराधियों द्वारा डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर ठगी करने का एक और बड़ा मामला सामने आया है। इस बार शातिर ठगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर शिक्षा विभाग से रिटायर्ड एक बुजुर्ग क्लर्क से 14 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। यह घटना रायपुर के पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र की है।

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Raipur Digital Arrest Case: मिली जानकारी के अनुसार शीतला मंदिर के पीछे गली नंबर 01 में रहने वाले 63 वर्षीय रामेश्वर प्रसाद देवांगन ने पुरानी बस्ती थाने में शिकायत दर्ज कराई है। वे शिक्षा विभाग में सहायक ग्रेड-3 के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। रामेश्वर प्रसाद को 14 जुलाई की दोपहर एक अज्ञात नंबर से फोन आया, जिसे वे उठा नहीं सके। करीब 15 मिनट बाद फिर से एक अन्य नंबर से कॉल आया, जिसमें खुद को टेलीफोन डिपार्टमेंट का अधिकारी बताया गया। कॉल करने वाले ने कहा कि उनके नंबर को जांच के लिए कुछ समय के लिए बंद किया जा रहा है और अधिक जानकारी के लिए 0 दबाने को कहा। जैसे ही उन्होंने निर्देश के अनुसार 0 दबाया कॉलर ने बताया कि उनके नाम से एफआईआर नंबर MH 5621/0425 दर्ज है और अब सीबीआई जांच चल रही है।

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Raipur Digital Arrest Case: कुछ देर बाद एक और कॉल आया जिसमें खुद को सीबीआई अधिकारी रजनीश मिश्रा बताया गया और व्हाट्सऐप खोलकर एक फोटो और पत्र देखने को कहा गया। फोटो में एक व्यक्ति का नाम नरेश गोयल बताया गया और उसे पहचानने को कहा गया। जब रामेश्वर ने पहचान से इंकार किया तो उन्हें बताया गया कि गोयल के घर छापे के दौरान उनका एटीएम कार्ड मिला है जिसकी जांच सीबीआई कर रही है। कॉलर ने रामेश्वर प्रसाद को मुंबई जाकर बयान देने को कहा और इनकार करने पर गिरफ्तारी की धमकी दी। फिर ‘सीनियर सिटीजन’ होने का हवाला देकर ऑनलाइन बयान दर्ज कराने की बात कही गई। इसके लिए एक पत्र भेजने को कहा गया, जिसे ठगों ने सीबीआई कोर्ट द्वारा स्वीकृत दिखाते हुए सील-ठप्पा लगाकर वापस व्हाट्सऐप पर भेज दिया।

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Raipur Digital Arrest Case: इसके बाद 15 जुलाई से लगातार वीडियो कॉल के जरिए रामेश्वर प्रसाद को डराया गया और धीरे-धीरे उनसे पैसे ट्रांसफर करवाए गए। 15 जुलाई को पंजाब नेशनल बैंक से 4 लाख रुपये, 16 जुलाई को एसबीआई से 7 लाख रुपये, 17 जुलाई को फिर से पीएनबी से 3 लाख रुपये इस तरह कुल 14 लाख रुपये आरोपियों के खातों में ट्रांसफर करवा लिए गए। चार दिन तक मानसिक दबाव में रखे जाने के बाद जब रामेश्वर को शक हुआ और उन्होंने संपर्क करने की कोशिश की तो सारे अज्ञात नंबर बंद पाए गए। इसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

 


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

टिकेश वर्मा- जमीनी पत्रकारिता का भरोसेमंद चेहरा... टिकेश वर्मा यानी अनुभवी और समर्पित पत्रकार.. जिनके पास मीडिया इंडस्ट्री में 12 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव हैं। राजनीति, जनसरोकार और आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से सरकार से सवाल पूछता हूं। पेशेवर पत्रकारिता के अलावा फिल्में देखना, क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। सादा जीवन, उच्च विचार के मानकों पर खरा उतरते हुए अब आपकी बात प्राथिकता के साथ रखेंगे.. क्योंकि सवाल आपका है।