अदालत ने गुप्ता की पदोन्नति संबंधी मामले में राज्य सरकार के फैसले को सही ठहराया |

अदालत ने गुप्ता की पदोन्नति संबंधी मामले में राज्य सरकार के फैसले को सही ठहराया

अदालत ने गुप्ता की पदोन्नति संबंधी मामले में राज्य सरकार के फैसले को सही ठहराया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:59 PM IST, Published Date : September 28, 2022/10:25 pm IST

बिलासपुर, 28 सितम्बर (भाषा) छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के निलंबित अधिकारी मुकेश गुप्ता की पदोन्नति संबंधी मामले में राज्य सरकार की रिट याचिका बुधवार को स्वीकार कर ली और उनकी पदोन्नति के आदेश को निरस्त करने के फैसले को सही ठहराया।

राज्य के उप-महाधिवक्ता जितेन्द्र पाली ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश अरुप कुमार गोस्वामी और न्यायमूर्ति दीपक कुमार तिवारी की खंडपीठ ने गुप्ता की पदोन्नति निरस्त करने के मामले में राज्य सरकार की याचिका स्वीकार कर ली है। अदालत ने पदोन्नति आदेश निरस्त करने के फैसले को सही ठहराया और केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) से गुप्ता को मिली राहत के आदेश को भी निरस्त कर दिया है।

पाली ने बताया कि गुप्ता को पूर्ववर्ती राज्य सरकार ने 2018 में पदोन्नत कर अतिरिक्त महानिदेशक से महानिदेशक नियुक्त किया था। राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार ने गुप्ता को केंद्र की अनुमति के बगैर मिली पदोन्नति को 2019 में एक आदेश जारी कर निरस्त कर दिया था।

उप-महाधिवक्ता ने बताया कि गुप्ता ने राज्य सरकार के इस आदेश के खिलाफ कैट में याचिका दायर की थी । कैट ने अप्रैल 2022 में गुप्ता के पक्ष में आदेश दिया और पदोन्नति को निरस्त करने के आदेश पर रोक लगा दी।

पाली ने बताया कि राज्य सरकार ने कैट के इस फैसले के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया गया कि गुप्ता को केंद्र सरकार की अनुमति के बगैर पदोन्नत किया गया है। प्रारंभिक तौर पर उच्च न्यायालय ने मामले में स्थगन आदेश दिया था।

उप-महाधिवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार की याचिका पर इस माह की छह तारीख को अंतिम सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और उप-महाधिवक्ता जितेंद्र पाली तथा केंद्र सरकार की तरफ से सहायक महाधिवक्ता रमाकांत मिश्रा और अन्य ने पैरवी की। सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।

पाली ने बताया कि अदालत ने राज्य सरकार की याचिका स्वीकार कर ली और कैट का आदेश निरस्त कर दिया।

भाषा सं संजीव संजीव सिम्मी

सिम्मी

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)