पॉवर जनरेशन कंपनियों की बढ़ी परेशानी, केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने दिए ये निर्देश

problems of power generation companies : लगातार कोयले की कमी का सामना कर रही पॉवर जनरेशन कंपनियों की परेशानी केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के

पॉवर जनरेशन कंपनियों की बढ़ी परेशानी, केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने दिए ये निर्देश
Modified Date: November 29, 2022 / 08:22 pm IST
Published Date: May 31, 2022 4:11 am IST

रायपुर। problems of power generation companies : लगातार कोयले की कमी का सामना कर रही पॉवर जनरेशन कंपनियों की परेशानी केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के निर्देश के बाद और बढ़ गई है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने सभी पॉवर जनरेशन कंपनियों से उनके पास उपलब्ध कोयले के स्टॉक की जानकारी मांगी है। साथ ही, सौ फीसदी कोयले की आपूर्ति करने में असमर्थता जाहिर की है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय कंपनियों को करीब 10 से 15 फीसदी कोयला इंपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

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मानसून में कम हो जाता है कोयले का उत्पादन

problems of power generation companies :  दरअसल पहले ही कोयले की आपूर्ति कम हो रही है। आने वाले समय में मानसून में कोयले का उत्पादन भी कम हो जाता है। ऐसे में कोयले की सप्लाई और कम हो सकती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने जनरेशन कंपनियों को अभी से अपनी तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। छत्तीसगढ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी के एमडी एन के बिजौरा के मुताबिक अभी राज्य के पॉवर प्लांटों के पास कोयले का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। अगर केंद्रीय पूल से सप्लाई पर असर पड़ता है तो स्टॉक कम हो सकता है। ऐसे में इंपोर्ट कोल लेना ही पड़ेगा जिससे बिजली की लागत करीब 60 पैसे प्रति यूनिट बढ़ जाएगी।

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खुद की माइंस में उत्पादन बढ़ाने पर फोकस कर रही बिजली कंपनी

problems of power generation companies :  हालांकि छत्तीसगढ़ में कोयले की कमी न हो इसके लिए बिजली कंपनी खुद की माइंस में उत्पादन बढ़ाने पर फोकस कर रही है। वहीं इस मामले में नियामक आयोग के पूर्व सचिव पी एन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ को प्राथमिकता के आधार पर कोयला मिलना चाहिए। इंपोर्ट कोल लेने के लिए बाध्य किया जाएगा, तो ये छत्तीसगढ़ के साथ गलत होगा और इसका सीधा असर जतना की जेब पर पड़ेगा।


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