रायपुर, 14 अगस्त (भाषा) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता संग्राम में भारतीय जनता पार्टी की भूमिका पर सवाल उठाते हुए रविवार को आरोप लगाया कि वी. डी. सावरकर ने 1925 में विभाजन का बीज बोया था।
उन्होंने ‘अखंड भारत’ पर बार-बार दिए जा रहे बयानों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की आलोचना की और पूछा कि संगठन लोगों को गुमराह करने और विभाजित करने के ‘‘गोरखधंधे’’ में क्यों लिप्त है।
रविवार को भाजपा द्वारा ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाए जाने और विभाजन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराए जाने के सवाल के जवाब में बघेल ने कहा, ‘‘सावरकर ने 1925 में विभाजन का बीज बोया था। यह सावरकर थे जिन्होंने दो-राष्ट्र सिद्धांत दिया और 1937 में मोहम्मद अली जिन्ना ने इसका समर्थन किया।’’
बघेल ने कहा, ‘‘वे (भाजपा) विभाजनकारी हैं। उन्होंने देश की आजादी में क्या भूमिका निभाई? 1925 में, आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) अस्तित्व में थे। उनके नेताओं के उस समय के बयान देखिये।’’
बघेल ने दावा किया, ‘‘श्यामा प्रसाद मुखर्जी (भारतीय जनसंघ के संस्थापक) ने वायसराय को पत्र लिखा था। वे नहीं चाहते थे कि अंग्रेज देश छोड़कर जाएं। आज भी वे अंग्रेजों की नहीं बल्कि महात्मा गांधी की आलोचना करते हैं।’’
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि संघ के कार्यालय में प्रदर्शित ‘हिंदू राष्ट्र’ का नक्शा पाकिस्तान, अफगानिस्तान और कुछ अन्य पड़ोसी देशों को ‘अखंड भारत’ (एकजुट, अविभाजित भारत) के हिस्से के रूप में दिखाता है।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘एक तरफ उनके पास यह पुराना नक्शा है और कहते हैं कि पाकिस्तान को भारत में शामिल किया जाना चाहिए। दूसरी तरफ, वे मुसलमानों को पाकिस्तान जाने के लिए भी कहते रहते हैं। आप (भाजपा/आरएसएस) यह ‘गोरख धंधा’ क्यों कर रहे हैं?’’
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अखंड भारत पाकिस्तान से मुसलमानों को भारत लाएगा, जिससे यहां की आबादी अपने आप कई गुना बढ़ जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘’लेकिन आप यह भी कहते हैं कि मुसलमानों को पाकिस्तान भेज दिया जाना चाहिए। वे (भाजपा और आरएसएस) हमेशा लोगों को गुमराह करने का काम करते हैं।’’
भाषा शफीक नरेश
नरेश
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