सिंधिया के गढ़ में केपी सिंह का दबदबा, ज्योतिरादित्य को चखना पड़ सकता है हार का स्वाद

सिंधिया के गढ़ में केपी सिंह का दबदबा, ज्योतिरादित्य को चखना पड़ सकता है हार का स्वाद

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  • Publish Date - May 23, 2019 / 10:06 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:03 PM IST

भोपाल: लोकसभा चुनाव 2019 के लिए मतगणना का दौर लगभग आखिरी चरण की ओर है। जारी रूझान के अनुसार भाजपा एक बार फिर लोकसभा चुनाव 2014 की तरह स्पष्ट बहुमत की ओर बढ़ती दिखाई दे रही है। वहीं, दूसरी ओर मध्यप्रदेश की हाईप्रोफाइल गुना सीट कांग्रेस के हाथों से फिसलती हुई नजर आ रही है। गुना सीट पर कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनावी मैदान में उतारा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा उम्मीदवार डॉ कृष्ण पाल सिंह से लंबे अंतराल से पीछे हैं।

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बता दें कि लोकसभा चुनाव 2014 में ज्योतिरादित्य सिंधिया मोदी लहर में अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे थे। ग्वालियर घराने से होने के चलते सिंधिया की यहां गहरी पैठ है, लेकिन रुझान के नजीते कुछ और ही बयां कर रहे हैं। वहीं, अगर विधानसभा चुनाव पर नजर डालें को ज्योदिरादित्य सिंधिया ने अहम भूमिका निभाई थी।

गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य की दादी विजयराजे सिंधिया छह बार, पिता माधवराव सिंधिया चार बार और स्वयं ज्योतिरादित्य सिंधिया चार बार जीते हैं। एक बार सिंधिया राजघराने के करीबी महेंद्र सिंह कालूखेड़ा जीते थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया का यह पांचवां चुनाव हैं। इससे पहले वे चार चुनाव में यहां से लगातार जीत दर्ज कर चुके है।

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