रायपुर । उज्ज्वला गैस का टारगेट पूरा करने के बाद आंगनबाड़ियों में दिया गया सिलेंडर कैसे रीफिल होगा राज्य सरकार अब तक तय नहीं कर पाई है। इस गड़बड़ी की वजह से आंगनबाड़ी केंद्रों में वापस लकड़ी ईंधन का इस्तेमाल शुरु हो गया है। बड़ी बात ये है कि अधिकारियों को भी इस समस्या के बारे में जानकारी है। उसके बावजूद लापरवाही जारी है।
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पिछले साल लोक सुराज अभियान के दौरान प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों को गैस सिलेंडर बांटे गए थे। बताया गया था कि अब पूरे गांवों की रसोईघरों के साथ आंगनबाड़ी के किचन भी धुएं से मुक्त होंगे। जिलों में डीएमएफ और पंचायत निधि से सिलेंडर खरीदी की गई लेकिन रीफिल करने के नियम नहीं बनाए गए। अब केंद्र प्रभारी अधिकारियों को रीफिलिंग के संबंध में कोई जानकारी ही नहीं है।
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गांवों के सरपंच इस बात को लेकर असमंजस में हैं। रायपुर के तेंदुआ गांव के सरपंच ममता साहू के मुताबिक उनसे कहा गया है कि अगर आंगनबाड़ियों को सिलेंडर दिया है तो भरवाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की होगी। ऐसा नहीं है कि अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है,लेकिन वे सरकारी आदेशों का हवाला दे रहे हैं।
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विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि सिलेंडर बांटे जाने के दौरान ही इस समस्या के बारे में चर्चा शुरु हो गई थी। तब ये कहा गया था कि इसके बारे में अधिकृत आदेश आने के बाद ही 1 अप्रैल से गैस से खाना बनाएं। लेकिन सालभर बीत जाने के बाद भी विभाग इस बारे में तय नहीं कर पाया है।