पणजी, 16 अगस्त (भाषा) गोवा के मंत्री गोविंद गौड़े ने दावा किया कि वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान नौकरशाही की लापरवाही की वजह से राज्य में 241 टन तुअर (अरहर) की दाल खराब हो गई।
गौड़े उस समय तत्कालीन प्रमोद सांवत नीत मंत्रिमंडल में नागरिक आपूर्ति मंत्री थे, जब तुअर दाल की खरीद की गई थी।
गौड़े ने कहा कि उन्होंने नौकरशाहों से गोदामों में रखे अतिरिक्त खाद्यान्न की देखरेख करने को कहा था।
उन्होंने कहा, ‘‘इसे घोटाला नहीं कहा जा सकता, लेकिन यह नौकरशाही की ओर से की गई लापरवाही थी, जिसकी वजह से तुअर की दाल सड़ गई।’’
गौरतलब है कि गोवा फॉरवर्ड पार्टी के प्रमुख विजय सरदेसाई ने पिछले सप्ताह मांग की थी कि वर्ष 2020 में 241 टन तुअर दाल खराब होने के मामले की जांच केंद्रीय एजेंसियों से कराई जाए।
वहीं, सावंत सरकार ने पिछले सप्ताह तत्कालीन नागरिक आपूर्ति निदेशक सिद्धिविनायक नाइक को गोदाम में खाद्यान्न के खराब होने के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए निलंबित कर दिया था।
गौड़े ने कहा कि नागरिक आपूर्ति विभाग ने बाजार में दाल की कमी की आशंका के चलते महामारी के दौरान 408 टन तुअर दाल की खरीद की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘हम नहीं चाहते थे कि गोवा खाद्यान्न की कमी का सामना करे और इसलिए यह खरीद की गई थी।’’
मंत्री ने कहा कि उचित मूल्य की दुकानों के मालिकों ने सीमित मात्रा में बिक्री के लिए दाल ली, इसकी वजह से बाकी दाल गोदामों में ही पड़ी रही।
उन्होंने कहा, ‘‘जब तुअर की दाल गोदामों में ही तीन महीने तक पड़ी रही, तो मैंने अधिकारियों से कहा कि वह उचित मूल्य की दुकानों के मालिकों को बेचने के लिए दाल उधार दें या खुले बाजार में बेंच दें या ठेकेदारों के जरिये निस्तरण करा दें।’’
उन्होंने कहा, लेकिन अधिकारियों ने कोई कदम नहीं उठाया और दाल गोदामों में ही खराब हो गई।
भाषा धीरज पवनेश
पवनेश
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