पिछले वर्षों में आतंकवाद के कारण 42 हजार लोगों ने जान गंवाई, अब हालात काबू में : अमित शाह |

पिछले वर्षों में आतंकवाद के कारण 42 हजार लोगों ने जान गंवाई, अब हालात काबू में : अमित शाह

पिछले वर्षों में आतंकवाद के कारण 42 हजार लोगों ने जान गंवाई, अब हालात काबू में : अमित शाह

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:24 PM IST, Published Date : October 4, 2022/8:29 pm IST

जम्मू, चार अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ वर्षों में आतंकवाद के कारण 42,000 लोगों ने अपनी जान गंवाई लेकिन सुरक्षा स्थिति में अब इस हद तक सुधार हुआ है कि कोई भी हड़ताल का आह्वान करने या पथराव में शामिल होने की हिम्मत नहीं करता।

शाह ने यह भी कहा कि मोदी सरकार आतंकवाद, भ्रष्टाचार को खत्म करके सर्वांगीण विकास के जरिये जम्मू-कश्मीर को देश में पहले नंबर पर लाना चाहती है।

जम्मू में विभिन्न विकास परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि स्थिति पर सुरक्षा बलों का पूर्ण नियंत्रण सुनिश्चित करते हुए आतंकवाद के प्रति ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ (जीरो टॉलरेंस) की नीति अपनाई गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के कारण 42,000 लोगों की जान चली गई। आतंकवाद का समर्थन करने वाले ऐसे लोगों की पहचान कर कार्रवाई की गई है जो सरकार में बैठे थे।’’

शाह ने कहा कि जो लोग हड़ताल का आह्वान करते थे या सुरक्षा बलों पर पथराव करते थे, उन पर पूरी तरह से अंकुश लगा दिया गया है और अब किसी में भी इस तरह का आह्वान करने की हिम्मत नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘क्या आप जानते हैं कि कश्मीर में अब पथराव की एक भी घटना क्यों नहीं हो रही है…., क्योंकि उस समय पत्थरबाज सरकार में बैठे थे।’’

शाह ने कहा कि आतंकी घटनाओं में 56 फीसदी जबकि सुरक्षा बलों के हताहत होने की संख्या में 84 फीसदी की कमी आई है। साथ ही आतंकियों की भर्ती में भी कमी आई है।

जम्मू कश्मीर के ‘‘पिछड़ेपन’’ के लिए तीन राजनीतिक परिवारों को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि कुशासन के कारण प्रदेश सभी विकास मानकों पर पिछड़ गया।

हालांकि, शाह ने तीन परिवारों की पहचान उजागर नहीं की, लेकिन उनका स्पष्ट संदर्भ अब्दुल्ला परिवार (नेशनल कॉन्फ्रेंस), मुफ्ती परिवार (पीडीपी) और नेहरू-गांधी परिवार (कांग्रेस) के लिए था।

शाह ने कहा कि पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों और अनुच्छेद 35-ए को समाप्त किए जाने के बाद से अब तक जम्मू-कश्मीर में बड़े बदलाव हुए हैं।

इस बीच, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने मंगलवार को जम्मू कश्मीर में ‘‘परिवार का शासन’’ के बारे में अमित शाह की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा एक ‘‘झूठी कहानी’’ पेश कर रही है।

पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा ऐसा करके पूर्ववर्ती राज्य के मतदाताओं का अपमान कर रही है।

नेकां के प्रदेश प्रवक्ता इमरान नबी डार ने कहा, ‘‘ जम्मू कश्मीर में तथाकथित पारिवारिक शासन की निंदा करने वाली भाजपा की बयानबाजी न केवल गलत है, बल्कि वास्तव में यह उन लाखों लोगों का अपमान है, जिन्होंने पिछले कई दशकों में हुए चुनावों में इन्हें सत्ता में लाने के लिए चुना था।’’

भाषा शफीक मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)