पिछले 3 साल 7 महीनों में 1.6 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी के 55,813 मामले सामने आए : सरकार
पिछले 3 साल 7 महीनों में 1.6 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी के 55,813 मामले सामने आए : सरकार
नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि पिछले तीन साल और सात महीनों में 1,60,950 करोड़ रुपये की वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) चोरी के 55,813 मामले सामने आए हैं।
वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि जीएसटी चोरी के ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां फर्जी बिल बनाने के लिए नकली संस्थाओं का इस्तेमाल किया जा रहा था।
उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्तवर्ष में अक्टूबर तक, 41,664 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रभाव वाले कर-चोरी के 24,109 मामले सामने आए हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2024-25 के दौरान कर अधिकारियों ने 58,772 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रभाव वाले ‘‘इनपुट टैक्स क्रेडिट’’ (आईटीसी) धोखाधड़ी के 15,283 मामलों का पता लगाया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने फर्जी बिल के मामलों को रोकने और उनसे निपटने के लिए कई उपाय किए हैं।
सरकार द्वारा किए गए कुछ उपायों में पांच करोड़ रुपये से अधिक कारोबार वाले व्यवसायों के लिए सभी ‘‘बी 2 बी’’ लेनदेन की खातिर इलेक्ट्रॉनिक बिलिंग प्रणाली (ई-चालान) को अनिवार्य करना और उच्च जोखिम वाले मामलों में भौतिक सत्यापन की आवश्यकता शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने के बाद, केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) 22 सितंबर, 2025 से पहले और बाद में पैकेटबंद खाने की चीज़ों और दवाओं सहित ज़रूरी चीज़ों की कीमतों पर नज़र रख रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसका फायदा उपभोक्ताओं तक पहुंचे।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्राप्त सूचनाओं से पता चलता है कि जीएसटी दरों में कटौती के बाद ये फायदे, आखिर में उपभोक्ताओं तक पहुंचा दिए गए है।
भाषा राजेश राजेश अविनाश
अविनाश
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