समलैंगिक विवाह को मान्यता देने का अनुरोध करने संबंधी एक नयी याचिका उच्च न्यायालय में दाखिल

समलैंगिक विवाह को मान्यता देने का अनुरोध करने संबंधी एक नयी याचिका उच्च न्यायालय में दाखिल

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  • Publish Date - February 25, 2021 / 11:59 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:55 PM IST

नयी दिल्ली,25 फरवरी (भाषा)समलैंगिक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले चार और लोगों ने दिल्ली उच्च न्यायालय से बृहस्पतिवार को अपील की कि बिना इस बात पर विचार किए कि उनका लिंग क्या है,किन्हीं दो लोगों के बीच हुए विवाह को विशेष विवाह अधिनियम (एएसएमए) के तहत मान्यता प्रदान की जाए।

दिल्ली सरकार ने इस प्रकार की एक पूर्व में दाखिल याचिका पर अपने जबाव में कहा था कि एसएमए में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत दो महिलाएं विवाह कर सकती हों और वह अदालत के निर्णय को मानने के पक्ष में है।

इस नयी याचिका के पहले उच्च न्यायालय में तीन याचिकाएं दाखिल की जा चुकी है जिनमें एसएमए, हिंदू विवाह अधिनियम (एचएमए) और विदेश विवाह अधिनियम (एफएमए) के तहत समलैंगिक विवाह को मान्यता देने का अनुरोध किया गया था।

न्यायाधीश राजीव सहाय एंडलॉ और न्यायाधीश अमित बंसल ने तीन पुरुषों और दो महिलाओं की संयुक्त याचिका पर केन्द्र का जवाब मांगा है। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से यह भी घोषणा करने का अनुरोध किया कि एसएमए , इस बात पर विचार किए बिना कि उनका लिंग क्या है विवाह की इच्छा रखने वाले किन्हीं दो लोगों पर भी लागू हो ।

कारंजावाला एंड कंपनी लॉ फर्म के अधिवक्ता मेघना मिश्रा और ताहिरा द्वारा दाखिल इस याचिका में याचिकाकर्ताओं ने अपील की है कि विवाह की मान्यता मिलने के लिए एक ‘पुरुष’ और एक स्त्री की अनिवार्यता होने संबंधी एसएमए के प्रावधानों को तब तक गैरकानूनी घोषित किया जाए।

सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार ने पीठ को आश्वस्त किया कि वह पूर्व में दाखिल की गई याचिकाओं पर अपना जवाब देगी। अदालत ने सभी चारों याचिकाओं

को 20अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

इसबीच दिल्ली सरकार ने दो महिलाओं की ओर से पूर्व में दाखिल याचिका पर जवाब देते हुए कहा कि एसएमए के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके तहत दो महिलाएं विवाह कर सकें और उनके विवाह का पंजीकरण हो सके।

भाषा

शोभना उमा

उमा