आधार की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला: पैन लिंकिंग के लिए आधार कार्ड अनिवार्य
आधार की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला: पैन लिंकिंग के लिए आधार कार्ड अनिवार्य
नई दिल्ली।बुधवार को देश के इतिहास में नया अध्याय जुड़ने वाला है। जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट आज 7 बड़े फैसले सुनाने जा रही है। जिनमें प्रमोशन में रिजर्वेशन, आधार अनिवार्यता, कोर्ट में सुनवाई की लाइव स्ट्रिमिंग, जज लोया केस में दायर पुनर्विचार याचिका पर फैसला, कांग्रेस नेता अहमद पटेल की याचिका जैसे अहम मामले में शामिल है।
#SupremeCourt ने माना की #Aadhaar आम आदमी की पहचान है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मौलिक अधिकारों पर भी कुछ बैन लग सकता है। अगर किसी व्यक्ति का डेटा किसी को दें तो उसे बताएं। pic.twitter.com/wKsQSUPzAG
— IBC24 (@IBC24News) September 26, 2018
इस फैसले में सबसे पहले फैसला आया है आधार की अनिवार्यता पर ,इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने फैसला पढ़ते वक्त कहा कि आधार से समाज के बिना पढ़े-लिखे लोगों को पहचान मिली है.आधार का डुप्लीकेट बनाना संभव नहीं, साथ ही समाज के हाशिये वाले वर्ग को आधार से ताकत प्राप्त हुई है।
Verdict on the constitutional validity of #Aadhaar: Supreme Court says, “minimal demographic & biometric data of citizens are collected by the UIDAI for Aadhaar enrolment. Aadhaar number given to a person is unique & can’t go to any other person” pic.twitter.com/rojlIBYF2z
— ANI (@ANI) September 26, 2018
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट का कहना है,कि “आधार नामांकन के लिए यूआईडीएआई द्वारा नागरिकों के न्यूनतम जनसांख्यिकीय और बॉयोमीट्रिक डेटा एकत्र किए जाते हैं। किसी व्यक्ति को दिया गया आधार संख्या अद्वितीय है और किसी अन्य व्यक्ति के पास नहीं जा सकती”
Verdict on the constitutional validity of #Aadhaar: Justice AK Sikri says, “Aadhaar empowers the marginalised section of the society and gives them an identity, Aadhaar is also different from other ID proofs as it can’t be duplicated” pic.twitter.com/ix9VEdw1nS
— ANI (@ANI) September 26, 2018
इस फैसले के दौरान सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सीकरी ने आधार की संवैधानिक वैधता पर फैसले पढ़ने के दौरान कहा कि आधार कार्ड और पहचान के बीच एक मौलिक अंतर है। जैव-मीट्रिक जानकारी संग्रहीत होने के बाद, यह सिस्टम में बनी हुई है।
Verdict on the constitutional validity of #Aadhaar: Justice AK Sikri has authored the judgement on behalf of him, CJI and Justice Khanwilkar. Justice Chandrachud and Justice A Bhushan have written their individual opinions
— ANI (@ANI) September 26, 2018
ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने आधार की अनिवार्यता के मामले में सभी पक्षों की सुनवाई पूरी कर 10 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था , मामले की सुनवाई 17 जनवरी को शुरू हुई थी जो 38 दिनों तक चली. आधार से किसी की निजता का उल्लंघन होता है या नहीं, इस मुददे पर पांच जजों की संवैधानिक पीठ को फैसला देना है.आधार की अनिवार्यता के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ ने सुनवाई पूरी कर ली,
Supreme Court on #Aadhaar: Aadhaar is mandatory for UGC, NEET & CBSE examinations. Biometric data shall not be shared with any agency without the permission of the court. pic.twitter.com/RPkgQyqFew
— ANI (@ANI) September 26, 2018
संविधान पीठ तय करेगा कि आधार निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है या नहीं. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए के सीकरी, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस अशोक भूषण की पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने इस मामले की सुनवाई की है। ज्ञात हो कि आधार पर फैसला आने के पहले तक सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के अलावा केंद्र व राज्य सरकारों की बाकि सभी योजनाओं में आधार की अनिवार्यता पर रोक लगाई गई है. इनमें मोबाइल सिम व बैंक खाते भी शामिल थे।
Supreme Court Justice Sikri while reading out verdict on constitutional validity of #Aadhaar: There is a fundamental difference between Aadhaar card and identity. Once the bio-metric information is stored, it remains in the system pic.twitter.com/H8XKuwjBPA
— ANI (@ANI) September 26, 2018
वेब डेस्क IBC24

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