आप आबकारी घोटाले से संबंधित ‘अपराध की आय’ की मुख्य लाभार्थी : ईडी ने न्यायालय में कहा

आप आबकारी घोटाले से संबंधित ‘अपराध की आय’ की मुख्य लाभार्थी : ईडी ने न्यायालय में कहा

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  • Publish Date - April 25, 2024 / 03:23 PM IST,
    Updated On - April 25, 2024 / 03:23 PM IST

नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली की कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित उत्पन्न ‘अपराध की आय’ की ‘प्रमुख लाभार्थी’ है और उसने अपने राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के जरिए धनशोधन का अपराध किया है।

ईडी ने दावा किया कि अब तक हुई जांच से पता चला है कि अपराध की आय का एक हिस्सा – लगभग 45 करोड़ रुपये नकद – का उपयोग 2022 में आप के गोवा विधानसभा चुनाव अभियान में किया गया था।

उच्चतम न्यायालय में दायर ईडी के हलफनामे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि जांच एजेंसी ‘झूठ बोलने वाली मशीन’ बन गई है।

कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर उच्चतम न्यायालय में दायर जवाबी हलफनामे में ईडी ने दावा किया कि गोवा में आप के अभियान में शामिल विभिन्न व्यक्तियों के बयानों से पता चला है कि सर्वेक्षण कार्यकर्ता, क्षेत्रीय प्रबंधक, विधानसभा प्रबंधक आदि के रूप में उनके द्वारा किए गए काम के लिए उन्हें नकद भुगतान किया गया था।

एजेंसी ने कहा, ‘आम आदमी पार्टी दिल्ली शराब घोटाले से उत्पन्न ‘अपराध की आय’ की प्रमुख लाभार्थी है। अपराध की आय के एक हिस्से (लगभग 45 करोड़ रुपये नकद) का उपयोग गोवा में 2022 के विधानसभा चुनाव में आप के चुनाव अभियान में किया गया।

ईडी ने कहा, ‘इस प्रकार आप ने अरविंद केजरीवाल के जरिए धनशोधन का अपराध किया है और इस प्रकार के अपराध पीएमएलए 2002 के धारा 70 के तहत आते हैं।’

धन शोधन रोकथा कानून, 2002 (पीएमएलए) की धारा 70 कंपनियों द्वारा किए गए अपराधों से संबंधित है।

ईडी ने कहा कि आम आदमी पार्टी जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 29-ए के तहत पंजीकृत एक राजनीतिक दल है।

एजेंसी ने कहा कि आप के राष्ट्रीय संयोजक और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के तौर पर केजरीवाल चुनाव में इस्तेमाल होने वाले धन के लिए जिम्मेदार थे।

उसने दावा किया कि न सिर्फ अपनी पार्टी आप के पीछे केजरीवाल का दिमाग है बल्कि इसकी प्रमुख गतिविधियों को भी वही नियंत्रित करते हैं। एजेंसी ने कहा कि वह आबकारी नीति तय करने में भी शामिल थे, जो गवाहों के बयानों से स्पष्ट है।

ईडी के अनुसार, ”वह रिश्वत की मांग में भी शामिल है, जिससे ‘‘अपराध की आय’’ हुई। ” उसने कहा कि जब कथित अपराध हुआ था तब केजरीवाल उक्त ‘कंपनी’ के प्रभारी और जिम्मेदार थे।

ईडी ने कहा, ‘इसलिए, न केवल आप बल्कि अरविंद केजरीवाल को पीएमएलए की धारा 4 के तहत दंडनीय अपराधों का दोषी माना जाए और पीएमएलए की धारा 70 के तहत मुकदमा चलाया जाए।’’

उच्चतम न्यायालय केजरीवाल की याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करेगी।

भाषा अविनाश नरेश

नरेश