शिवमोगा (कर्नाटक), 23 सितंबर (भाषा) कर्नाटक के शिवमोगा में इस सप्ताह की शुरुआत में गिरफ्तार किये गये इस्लामिक स्टेट (आईएस) से प्रेरित संदिग्ध आतंकवादी देश में खलीफा शासन की स्थापना और शरिया कानून लागू करना चाहते थे क्योंकि उनका मानना था कि भारत ने अभी तक अपनी स्वतंत्रता हासिल नहीं की है। एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
शिवमोगा के पुलिस अधीक्षक बी. एम. लक्ष्मी प्रसाद ने कहा कि गिरफ्तार व्यक्ति देश में इन विचारों को पूरा करने की दिशा में काम कर रहे थे।
पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘उनकी (आरोपियों की) विचारधारा थी कि भारत ने अभी तक अपनी आजादी हासिल नहीं की है और देश को जो आजादी मिली है वह ब्रिटिश शासन से है। असली आजादी तब मिलेगी जब खलीफा शासन और उसके बाद शरिया कानून लागू होगा।’’
उनके अनुसार इंजीनियर सैयद यासीन (21), इंजीनियरिंग के छात्र माज़ मुनीर अहमद (22) और शरीक (24) के खिलाफ 19 सितंबर को भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।
शरीक फरार है जबकि अन्य दो को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस उपाधीक्षक ने कहा कि संदिग्ध आतंकवादी आईएस द्वारा अपनाई गई विचारधारा को मानते हैं।
पुलिस ने 15 अगस्त को एक युवक को चाकू मारने के आरोप में जिले में हिंसा के दौरान एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था।
उन्होंने कहा कि उससे पूछताछ में आईएस के इस मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) शिवमोगा पुलिस के साथ इस मामले की जांच कर रही है।
भाषा
देवेंद्र मनीषा
मनीषा
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