अग्नि सुरक्षा मानकों की कमी वाले प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई होगी : दिल्ली की मुख्यमंत्री

अग्नि सुरक्षा मानकों की कमी वाले प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई होगी : दिल्ली की मुख्यमंत्री

अग्नि सुरक्षा मानकों की कमी वाले प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई होगी : दिल्ली की मुख्यमंत्री
Modified Date: December 9, 2025 / 09:15 pm IST
Published Date: December 9, 2025 9:15 pm IST

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) गोवा में एक नाइट क्लब में आग लगने की घटना में 25 लोगों की मौत के कुछ दिनों बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को निर्देश दिया कि अग्नि-सुरक्षा उपकरणों की कमी या निर्धारित मानकों का उल्लंघन करने वाले प्रतिष्ठानों को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि उन्होंने दिल्ली सचिवालय में अग्निशमन विभाग के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान कई निर्देश जारी किए।

बैठक के दौरान उन्होंने हाल ही में गोवा के एक नाइट क्लब में आग लगने की घटना पर चिंता व्यक्त की, जिसमें 25 लोगों की जान चली गई। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं एक चेतावनी के रूप में काम करती हैं कि दिल्ली को लगातार सतर्क रहना चाहिए।

 ⁠

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बड़े आयोजनों, होटलों, रेस्तरां और क्लबों में सुरक्षा मानकों का नियमित निरीक्षण आवश्यक है।

उन्होंने जोर दिया कि अग्नि सुरक्षा केवल विभाग की जिम्मेदारी नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठान मालिकों की भी यह सुनिश्चित करने की सामूहिक जिम्मेदारी है कि उनके परिसर में अग्नि सुरक्षा के सभी उपाय मौजूद हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कुछ शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें दावा किया गया है कि अनावश्यक नियमों और प्रक्रियाओं के कारण अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने में देरी हो रही है।

गुप्ता ने मुख्य सचिव और विभागीय अधिकारियों को मौजूदा प्रक्रियाओं की समीक्षा करने और यदि आवश्यक हो तो नए दिशानिर्देश तैयार करने का निर्देश दिया, ताकि दिल्ली की अग्निशमन प्रणाली तेज, पारदर्शी और विश्वसनीय बन सके।

गुप्ता ने दिल्ली अग्निशमन सेवा को यह सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए कि अग्नि सुरक्षा से संबंधित एनओसी जारी करने की प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी और निर्बाध बनाया जाए, ताकि होटल, रेस्तरां, नाइट क्लब, मल्टीप्लेक्स और अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को अनावश्यक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।

भाषा प्रशांत दिलीप

दिलीप


लेखक के बारे में