नयी दिल्ली, 17 अगस्त (भाषा) जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने बुधवार को कहा कि जब तक ‘आंदोलनजीवी’ और ‘आंदोलनकारी’ विभिन्न कारणों से विरोध करते रहेंगे, लोकतंत्र की भावना जीवित रहेगी और यदि समाज में आंदोलन कम होते हैं तो इसका मतलब है कि ‘गरीबों का उत्पीड़न बढ़ गया है।”
त्यागी ‘आंदोलनजीवी’ किताब के मौके पर बोल रहे थे। इस पुस्तक में कई किसान आंदोलनों के बारे में बात की गई है जिनमें दिल्ली की सीमाओं पर नवंबर 2020 में शुरू हुआ किसान आंदोलन भी शामिल है।
जद (यू) के प्रवक्ता ने अपने संबोधन में खुद को ‘आंदोलनकारी’ बताया और कहा कि वह जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, जॉर्ज फर्नांडीस जैसे समाजवादी नेताओं को नमन करते हैं, जिन्होंने उन कारणों के लिए प्रदर्शन किया जो भारतीय लोगों के हितों या इसकी भौगोलिक सीमाओं से परे थे।
उन्होंने कहा, “ मैं एक आंदोलनकारी हूं, और मैं कहता हूं, आंदोलनजीवी, आंदोलनकारी और आंदोलनबाज़, जब तक वे विभिन्न कारणों से प्रदर्शन करते रहेंगे, तबतक लोकतंत्र की भावना जीवित रहेगी। और, यदि समाज में आंदोलन कम होते हैं तो इसका मतलब है कि गरीबों का उत्पीड़न बढ़ गया है।”
त्यागी ने कहा कि अगर विरोध करने वालों की संख्या कम हो गई है तो उनकी इच्छा शक्ति भी कम हो गई है।
त्यागी ने कहा कि समाजवादी हमेशा सामाजिक असमानता के विरोध में सक्रिय रहे हैं, और आजादी के कुछ वर्षों के बाद कुछ समाजवादियों ने इलाहाबाद में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के काफिले के सामने विरोध भी किया था।
उनके मुताबिक, उन्होंने नारे लगाए थे कि ‘देश की जनता भूखी है, ये आज़ादी झूठी है।’
त्यागी ने हल्के-फुल्के अंदाज में लोहिया और फर्नांडीस को ‘कुख्यात आंदोलनजीवी’ बताया।
हालांकि कांग्रेस नेता जनार्दन द्विवेदी ने अपने भाषण में किताब के शीर्षक में ‘आंदोलनजीवी’ शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान आंदोलन के संदर्भ में ‘आंदोलनजीवी’ शब्द का व्यंग्यात्मक तरीके से इस्तेमाल किया था।
उन्होंने कहा कि जो लोग सत्ता का विरोध करते हैं, उन्हें इस तरह से जवाब देना चाहिए जिससे मामले की गंभीरता खत्म न हो।
फरवरी 2021 में, राज्यसभा में बोलते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि पिछले कुछ समय से इस देश में एक नई जमात पैदा हुई है, एक नई बिरादरी सामने आई है और वो है ‘आंदोलनजीवी’।
यह किताब पत्रकार विनोद अग्निहोत्री ने लिखी है और इसका विमोचन इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी की उपस्थिति में आयोजित एक कार्यक्रम में किया गया।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भी शामिल होना था लेकिन वह नहीं आए।
अपने संबोधन में जोशी ने किसी भी देश के विकास के लिए कृषि और किसानों के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि कृषि ‘एकमात्र प्रणाली है जिसके मूल में हिंसा नहीं है।”
भाषा
नोमान वैभव
वैभव
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