नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) वर्ष 2022 तक नये इंजीनियरिंग संस्थान स्थापित करने के लिये कोई नया आवेदन स्वीकार नहीं करेगा, हालांकि आकांक्षी जिलों में उभरते क्षेत्रों में ऐसे आवेदनों को मंजूरी दी जा रही है।
एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को बताया कि इंजीनियरिंग के विभिन्न कार्यक्रमों में काफी सीट खाली रहने और भविष्य की संभावित मांग को देखते हुए यह फैसला किया गया।
उन्होंने बताया कि यह तय किया गया कि वर्ष 2022 तक नये इंजीनियरिंग संस्थान स्थापित करने के लिये कोई नया आवेदन नहीं स्वीकार किया जायेगा, हालांकि आकांक्षी जिलों में उभरते क्षेत्रों में नये इंजीनियरिंग कॉलेज स्थापित करने की मंजूरी दी जा रही है।
एआईसीटीई के अनुसार, ऐसे संस्थानों को भी मंजूरी दी जा रही है, जहां उभरते क्षेत्रों में इंजीनियरिंग को नये कार्यक्रम के रूप में जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा ऐसे संस्थानों को भी मंजूरी दी जा रही है जहां राज्य सरकारें अत्यधिक रोजगारपरक व्यावसायिक विषयों में इंजीनियरिंग डिग्री / डिप्लोमा कार्यक्रम शुरू करना चाहती हैं।
परिषद के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2019-20 में निजी/सरकारी कॉलेजों में खाली रह गई सीटों एवं एआईसीटीई द्वारा रद्द की गई सीटों की कुल संख्या 1,86,244 थी, जबकि वर्ष 2020-21 में यह 2,29,955 रही ।
भाषा दीपक प्रशांत दिलीप
दिलीप
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