वायु सेना दिवस : आजादी के प्लैटिनम जयंती वर्ष में 75 युद्धक विमानों ने दिखाई देश की ताकत |

वायु सेना दिवस : आजादी के प्लैटिनम जयंती वर्ष में 75 युद्धक विमानों ने दिखाई देश की ताकत

वायु सेना दिवस : आजादी के प्लैटिनम जयंती वर्ष में 75 युद्धक विमानों ने दिखाई देश की ताकत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:01 PM IST, Published Date : October 8, 2021/5:59 pm IST

हिंडन (उत्तर प्रदेश), आठ अक्टूबर (भाषा) भारतीय वायु सेना ने शुक्रवार को अपनी 89वीं वर्षगांठ का जश्न मनाते हुए देश की स्वतंत्रता के प्लैटिनम जयंती वर्ष में पुराने और आधुनिक बेड़े से लिए गए 75 विमानों के साथ एयर शो में शौर्य का खास प्रदर्शन किया।

हिंडन एयरबेस के एयर शो में डकोटा, डोर्नियर, एलसीए तेजस और राफेल लड़ाकू विमानों के अलावा अन्य विमानों ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। प्रदर्शन किए गए कुछ करतब 1971 के युद्ध में देश की जीत के संकेत की तरह थे।

वायु सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘89वें भारतीय वायुसेना दिवस समारोह के तहत हिंडन एयरबेस पर कुल 75 विमानों ने एयर शो में हिस्सा लिया। यह संख्या महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का प्रतीक है। इसकी घोषणा पहले नहीं की गई थी और हमने इसे ‘सरप्राइज पैकेज’ के तौर पर रखा था।’’

वायु सेना प्रमुख वीआर चौधरी ने शो से पहले अपने संबोधन में पूर्व वायुसेना प्रमुखों के दूरदर्शी नेतृत्व के लिए उनके योगदान की सराहना की और उन बहादुर योद्धाओं को भी सलाम किया जिन्होंने कर्तव्य की राह में अपने जीवन को न्यौछावर कर दिया। भारतीय वायु सेना की आधुनिकीकरण योजनाओं पर वायु सेना प्रमुख ने विशिष्ट रणनीति और ‘ढर्रे से अलग’ परिचालन योजनाओं के जरिए हवाई युद्ध की आधुनिक प्रवृत्तियों पर महारत हासिल करने पर जोर दिया।

भारत स्वतंत्रता के 75वें वर्ष को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मना रहा है और खादी से बना एक विशाल तिरंगा भी प्रदर्शित किया गया। इस वर्ष को ‘स्वर्णिम विजय वर्ष’ के रूप में भी मनाया जा रहा है, जो पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों की जीत की 50 वीं वर्षगांठ का प्रतीक है, जिसके कारण बांग्लादेश अस्तित्व में आया।

हवाई अभ्यास के दौरान आयोजित कुछ करतब भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता और कई सैनिकों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि थे। एएन-32 विमान से बाहर निकलने के बाद पैराट्रूपर्स की आकाशगंगा टीम ने कलाबाजी दिखाते हुए एयर शो की शुरुआत की। इसके बाद एक डकोटा विमान ने उड़ान भरी, जिसमें से तीन पैराट्रूपर्स निकले। इसके जरिए 1971 के युद्ध के दौरान कार्रवाई को याद किया गया। वर्ष 1971 में लोंगेवाला की लड़ाई में भारत की निर्णायक जीत को दर्शाने के लिए छह हंटर विमानों ने ‘विनाश’ व्यूह समूह का गठन किया।

अन्य हवाई प्रदर्शनों में ‘रुद्र’ फॉर्मेशन में उड़ने वाले विमान, दो चिनूक विमानों के साथ ‘मेघना’ फॉर्मेशन, चार अपाचे विमान के साथ ‘एकलव्य’ फार्मेशन और ‘सारंग’ हेलीकॉप्टरों और सूर्य किरण उड़ान टीम के एक शो तथा सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस के अभ्यास ने भी दर्शकों को रोमांचित कर दिया। सी-17 ग्लोबमास्टर, एसयू-30, हॉक, जगुआर, एमआई-29 ने भी इस अवसर के लिए तैयार किए गए एयरबेस में शानदार शो में भाग लिया।

कई पुराने और आधुनिक विमानों को सलामी मंच के पास प्रदर्शन के लिए रखा गया था। भारतीय वायुसेना के फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल जीत सेखों के नाम पर एक ‘सेखों फॉर्मेशन’ के तहत विमानों ने उड़ान भरी। सेखों को मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

भाषा आशीष मनीषा

मनीषा

 

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