नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में जल्द ही किसी भी स्थान पर वास्तविक समय के आधार पर प्रदूषण के स्रोतों का पता लगाया जा सकता है क्योंकि दिल्ली सरकार की स्रोत विभाजन प्रणाली 20 अक्टूबर से आंकड़े प्रदान करना शुरू कर देगी।
दिल्ली सरकार की सलाहकार रीना गुप्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि वास्तविक समय के आधार पर स्रोत विभाजन अध्ययन से शहर में प्रदूषण फैलाने वाले विभिन्न स्रोतों की पहचान करने और पता लगाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का पूर्वानुमान घंटे के आधार पर तीन दिन पहले और दैनिक आधार पर एक सप्ताह पहले लगाया जाएगा।
गुप्ता ने कहा कि विभाजन और पूर्वानुमान के आधार पर, प्रमुख प्रदूषण स्रोतों पर अंकुश लगाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा सकती है।
इस परियोजना के माध्यम से दिल्ली में किसी विशेष स्थान पर वायु प्रदूषण में वृद्धि के लिए जिम्मेदार कारकों की पहचान की जाएगी। प्रदूषण के स्रोत वाहन, धूल, ताप विद्युत संयंत्र, बायोमास जलाना, पराली जलाना और कारखानों से निकलने वाला धुआं हो सकता है।
यह दिल्ली के भीतर और बाहर कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता और एक्यूआई का दैनिक और साप्ताहिक पूर्वानुमान भी प्रदान करेगा।
इससे पूर्व, दिन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए शुक्रवार को 15 सूत्री शीतकालीन कार्य योजना की घोषणा की, जिसमें कचरा जलाने, धूल और वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को रोकने के लिए दल गठित करना शामिल है।
केजरीवाल ने कहा कि सरकार द्वारा 2020 में इलेक्ट्रिक वाहन नीति लाने और 24 घंटे बिजली आपूर्ति करने समेत अन्य कदम उठाने से पिछले चार वर्ष में वायु प्रदूषण के स्तर में 18.6 प्रतिशत की कमी आयी है।
भाषा
देवेंद्र मनीषा
मनीषा
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