सभी कार्य आवंटित होने पर निर्भर करती है बुलेट ट्रेन परियोजना पूरी होने की तारीख: रेलवे

सभी कार्य आवंटित होने पर निर्भर करती है बुलेट ट्रेन परियोजना पूरी होने की तारीख: रेलवे

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  • Publish Date - April 24, 2024 / 06:59 PM IST,
    Updated On - April 24, 2024 / 06:59 PM IST

(जीवन प्रकाश शर्मा)

नयी दिल्ली, 24 अप्रैल (भाषा) भारतीय रेलवे देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के पूर्ण होने की तारीख का आकलन नहीं कर पा रहा है, क्योंकि उसके सभी कार्यों का आवंटन अभी नहीं किया गया है।

बुलेट ट्रेन के 508 किलोमीटर लंबे गलियारे का निर्माण कर रहे ‘नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (एनएचएसआरसीएल) ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।

मध्य प्रदेश निवासी चंद्रशेखर गौर ने आरटीआई अर्जी के माध्यम से रेलवे से जानना चाहा था कि क्या एनएचएसआरसीएल संपूर्ण परियोजना के पूरी होने की अंतिम तारीख बताने की स्थिति में है।

इस पर एनएचएसआरसीएल ने जवाब में कहा, ‘‘मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना के पूरी होने की तारीख का आकलन सभी निविदाएं/पैकेज आवंटित होने के बाद किया जा सकता है।’’

परियोजना की शुरुआत 2017 में की गई थी और शुरुआत में इसके दिसंबर 2023 तक पूरे होने का अनुमान लगाया गया था लेकिन भूमि अधिग्रहण के मुद्दे और कोविड महामारी ने इसकी प्रगति को धीमा कर दिया।

रेल मंत्रालय ने परियोजना के पहले चरण में सूरत से बिलीमोरा के बीच 50 किलोमीटर पट्टी पर काम अगस्त 2026 तक पूरा होने की आधिकारिक घोषणा की है। उसने जनवरी 2024 में यह घोषणा भी की थी कि परियोजना के लिए शत-प्रतिशत भूमि अधिग्रहण हो चुका है।

एनएचएसआरसीएल ने आरटीआई आवेदन के उत्तर में यह भी कहा कि अभी तक रेल पटरियां नहीं बिछाई गई हैं, हालांकि छह अप्रैल, 2024 तक कुल 157 किलोमीटर लंबे मार्ग पर ‘वायडक्ट’ (सेतु) बनाने का काम पूरा हो गया है।

केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुलेट ट्रेन परियोजना के कॉरिडोर पर कामकाज की प्रगति की जानकारी देते हुए गत 28 मार्च को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था कि 295.5 किलोमीटर ‘पियर’ और 153 किलोमीटर ‘वायडक्ट’ बनाने का काम पूरा हो गया है।

परियोजना से जुड़े एक विशेषज्ञ ने बताया, ‘‘पियर जमीन पर खड़े किए गए बड़े खंभे हैं। इन पर गर्डर रखकर वायडक्ट बनाया जाता है।’’

भाषा

वैभव सुरेश

सुरेश