अंसल बंधु सजा स्थगित करने के लिए वृद्धावस्था को अधार नहीं बना सकते :पुलिस ने उच्च न्यायालय से कहा |

अंसल बंधु सजा स्थगित करने के लिए वृद्धावस्था को अधार नहीं बना सकते :पुलिस ने उच्च न्यायालय से कहा

अंसल बंधु सजा स्थगित करने के लिए वृद्धावस्था को अधार नहीं बना सकते :पुलिस ने उच्च न्यायालय से कहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:52 PM IST, Published Date : January 11, 2022/7:37 pm IST

नयी दिल्ली, 11 जनवरी (भाषा) दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में दलील दी कि रियल एस्टेट कारोबारी सुशील और गोपाल अंसल ने उपहार सिनेमा अग्निकांड से जुड़े साक्ष्य से छेड़छाड़ के मामले में मुकदमे की सुनवाई में देर करने की हर कोशिश की और अब वे मामले में अपनी सात साल की कैद की सजा को स्थगित करने के लिए वृद्धावस्था को आधार नहीं बना सकते।

न्यायामूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने निचली अदालत के रिकार्ड की डिजिटलीकृत प्रति 14 जनवरी को अगली सुनवाई के दौरान पेश करने का निर्देश दिया है।

वह साक्ष्य से छेड़छाड़ के मामले में अंसल बंधुओं की सात साल की कैद की सजा को स्थगित करने के लिए उनकी याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं।

दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता दयां कृष्णन ने दलील दी कि मुकदमे की सुनवाई में देर करने की हर कोशिश की गई। अदालत से बार-बार स्थगन का अनुरोध किया गया, इसलिए अब दोषी करार दिये जाने के बाद असंल बंधु अपनी सजा को स्थगित कराने के लिए वृद्धावस्था का बहाना नहीं बना सकते।

उल्लेखनीय है कि साक्ष्य से छेड़छाड़ के मामले में पिछले साल तीन दिसंबर को यहां की एक सत्र अदालत ने असंल बंधुओं की दोषसिद्धि और सजा स्थगित करने की उनकी याचिका खारिज कर दी थी तथा जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद, अंसल बंधुओं ने उच्च न्यायालय का रुख किया था।

सुशील असंल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद निगम ने दलील दी थी कि उनके मुवक्किल 80 वर्ष से अधिक आयु के हैं और उन्हें कई बीमारियां हैं।

वहीं, गोपाल अंसल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी दलील दी थी कि उनके मुवक्किल 70 वर्ष से अधिक आयु के हैं और अदालत को उन्हें रिहा करने में अपने व्यापक एवं उदार विशेषाधिकार का उपयोग करना चाहिए।

भाषा

सुभाष अनूप

अनूप

 

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