किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सशस्त्र बलों का सभी स्तरों पर एकीकरण किया जा रहा:राजनाथ |

किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सशस्त्र बलों का सभी स्तरों पर एकीकरण किया जा रहा:राजनाथ

किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सशस्त्र बलों का सभी स्तरों पर एकीकरण किया जा रहा:राजनाथ

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:03 PM IST, Published Date : October 22, 2021/8:20 pm IST

बेंगलुरु, 22 अक्टूबर (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भविष्य में किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सैन्य बलों को तैयार करने के उद्देश्य से सभी स्तरों पर देश के सशस्त्र बलों और संबंधित प्रतिष्ठानों के एकीकरण को सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं।

सिंह ने कहा, ”जैसा कि आप जानते हैं कि हम अपने सशस्त्र बलों और रक्षा मंत्रालय के एकीकरण के लिए पहल कर रहे हैं। आने वाले दिनों में, थिएटर कमांड में और इससे निचले सभी स्तरों में एकीकरण सुनिश्चित किया जाएगा।”

रक्षा मंत्री वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध में जीत के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में यहां येलहंका वायु सेना स्टेशन में तीन दिवसीय भारतीय वायु सेना सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद संबोधित कर रहे थे, जिसे इस साल ”स्वर्णिम विजय वर्ष” के रूप में मनाया जा रहा है।

सिंह ने कहा कि ऐसा करने के लिए खरीद से लेकर स्वदेशीकरण तक, क्षमता विकास और प्रशिक्षण को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है जोकि सशस्त्र बलों को अधिक सक्षम, कुशल और आत्मनिर्भर बनाएगा।

रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार इन पहल को आगे बढ़ाते हुए सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र से संबंधित अन्य प्रतिष्ठानों की दक्षता में सुधार के प्रयास कर रही है। इसमें आयुध निर्माणी बोर्ड का निगमीकरण, रक्षा क्षेत्र में निर्यात को प्रोत्साहित करने के प्रयास के अलावा रक्षा अनुसंधान, विकास और निर्माण में निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करना और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने के प्रयास शामिल हैं।

उन्होंने कहा, ”सरकार की मंशा हमारे सशस्त्र बलों को किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार करने की है और हम इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।”

इस अवसर पर प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी, रक्षा सचिव अजय कुमार और कर्नाटक के राजस्व मंत्री आर अशोक सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

इस मौके पर जनरल बिपिन रावत ने कहा कि कई ऐसे मुद्दे हैं जोकि वैश्विक सुरक्षा माहौल और उसके भारत की रक्षा और सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव से आपस में निर्बाध रूप से जुड़े हैं।

उन्होंने कहा कि ये चुनौतियां और खतरे भारतीय सशस्त्र बलों के लिए अलग कमान ढांचे की मांग करते हैं जिसमें तीनों सेनाओं के सहयोग और क्षमताएं शामिल हैं।

भाषा शफीक पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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