सिलचर, 29 जुलाई (भाषा) असम और मिजोरम के बीच अंतरराज्यीय सीमा पर सुरक्षा बलों को तैनात किये जाने पर बृहस्पतिवार को बयानबाजी देखने को मिली। दोनों पक्षों के बीच कुछ दिन पहले सीमा के निकट हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें छह पुलिसकर्मियों और एक आम निवासी की मौत हो गई थी।
कछार के प्रभारी मंत्री अशोक सिंघल ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने असम-मिजोरम सीमा पर सीआरपीएफ कर्मियों की तैनाती का आदेश दिया है, जिसके बाद असम ने अपने बलों को चौकी से हटा लिया।
हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि मिजोरम ने अभी तक ऐसा नहीं किया है और वह विवाद को ”हथियारों और गोला-बारूद” से सुलझाना चाहता है, जो कि ”गलत दृष्टिकोण” है।
सिंघल ने कहा, ”सीमावर्ती इलाके में अभी शांति और सद्भाव कायम होना बाकी है, लेकिन हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि असम मिजोरम को एक इंच भी जमीन नहीं लेने देगा।”
इस बीच, मिजोरम सरकार ने दावा किया कि अंतरराज्यीय सीमा पर असम पुलिस कर्मियों की एक बड़ी टुकड़ी को जुटाया जा रहा है।
मिजोरम की गृह सचिव लालबियाकसांगी ने बृहस्पतिवार को पूर्वोत्तर के प्रभारी अतिरिक्त सचिव को लिखे पत्र में कहा कि असम पुलिस के सशस्त्र कर्मी कछार जिले के ढोलई और हवाईथांग इलाकों में जा रहे हैं, जहां सोमवार को हिंसा हुई थी।
उन्होंने कहा, ”वर्तमान में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए, असम द्वारा अंतरराज्यीय सीमा पर पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी को जुटाना काफी आपत्तिजनक है, और इससे दोनों पक्षों के लोगों में आशंका और दहशत पैदा होगी।”
लालबियाकसांगी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से असम सरकार को इस तरह की कार्रवाई से परहेज करने के निर्देश जारी करने का भी आग्रह किया।
कछार के प्रभारी मंत्री ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा चाहते हैं कि विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाया जाए।
सिंघल ने कहा, ”हम शांति चाहते हैं और हमने अपनी चौकी सीआरपीएफ को सौंप दी है, लेकिन मिजोरम सरकार ने अभी भी अपने कर्मियों को चौकी से नहीं हटाया है, जो दुखद है।”
अंतरराज्यीय सीमा के पास लैलापुर का दौरा करने वाले मंत्री ने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया कि क्षेत्र के निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए असम सरकार द्वारा सभी उपाय किए जाएंगे और उन्होंने उनसे न घबराने की अपील की।
भाषा जोहेब अमित
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