बादल परिवार ने केंद्र के कृषि कानूनों की नींव रखी: सिद्धू |

बादल परिवार ने केंद्र के कृषि कानूनों की नींव रखी: सिद्धू

बादल परिवार ने केंद्र के कृषि कानूनों की नींव रखी: सिद्धू

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:58 PM IST, Published Date : September 15, 2021/7:16 pm IST

चंडीगढ़, 15 सितंबर (भाषा) कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को बादल परिवार पर निशाना साधते हुए उन पर केंद्र के कृषि कानूनों की नींव रखने का आरोप लगाया।

केन्द्र के तीन नये कृषि कानूनों का किसान पिछले कई महीनों से विरोध कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि केंद्र के कानूनों में से एक कानून प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली पिछली शिरोमणि अकाली दल (शिअद)-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के दौरान बनाए गए पंजाब अनुबंध कृषि अधिनियम, 2013 की ‘‘फोटोस्टेट कॉपी’’ है।

अमृतसर के विधायक ने यह भी दावा किया कि बादल परिवार ने शुरू में केंद्रीय कानूनों का समर्थन किया और फिर किसानों के गुस्से को देखने के बाद ‘यू-टर्न’ ले लिया।

पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख का पद्भार संभालने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में सिद्धू ने कहा, ‘‘मैं पूरे विश्वास और स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि बादल परिवार ने केंद्र के तीन काले कानूनों की नींव रखी थी।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘बादल तीन काले कानूनों के लिए नीति निर्माता हैं।’’

सिद्धू ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने 2013 में पंजाब विधानसभा में अनुबंध खेती पर एक विधेयक पेश किया था और बाद में इसे पंजाब अनुबंध कृषि अधिनियम के रूप में अधिनियमित किया गया था।

उन्होंने कहा कि पंजाब का यह कानून ‘‘आत्मा’’ है जबकि केंद्र के तीन ‘‘काले कानून’’ ‘‘शरीर’’ हैं। सिद्धू ने दावा किया कि पंजाब के कानून में कभी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की बात नहीं की गई।

उन्होंने कहा कि गेहूं और धान सहित 108 फसलों को कानून के दायरे में लाया गया है। सिद्धू ने पंजाब कानून के कुछ प्रावधानों की तुलना केन्द्र के कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 से करते हुए कहा कि यह राज्य के कानून की ‘‘फोटोस्टेट कॉपी’’ है। उन्होंने कहा कि दोनों कानूनों में कोई एमएसपी गारंटी नहीं है।

उन्होंने कहा कि इन दो कानूनों के अनुसार, कॉर्पोरेट ही कृषि सेवाओं का फैसला करेगा और वे सीधे खेतों से फसल खरीद सकते हैं जिससे एपीएमसी मंडियां खत्म हो सकती है। सिद्धू ने आरोप लगाया कि ये कानून सिर्फ कॉरपोरेट्स को फायदा पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं।

सिद्धू ने पहले केंद्र के तीन कृषि कानूनों का समर्थन करने और फिर किसानों की आलोचना के बाद ‘यू-टर्न’ लेने के लिए बादलों की आलोचना की।

संवाददाता सम्मेलन के दौरान प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल और हरसिमरत कौर बादल के कुछ वीडियो क्लिप भी चलाए गए, जिनमें उन्हें केंद्र के तीन कृषि कानूनों की प्रशंसा करते हुए दिखाया गया है।

भाषा

देवेंद्र उमा

उमा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)