नयी दिल्ली, 21 सितंबर (भाषा) दिल्ली सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया है कि क्रॉस-जेंडर मालिश सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने के उसके दिशा-निर्देशों को अभी अधिसूचित नहीं किया गया है न ही इन्हें शहर में लागू किया गया है।
दिल्ली सरकार के वकील ने अदालत को यह भी बताया कि 20 सितंबर तक, सभी स्पा को मौजूदा दिशानिर्देशों के आधार पर अपना व्यवसाय चलाने की अनुमति दी गई थी, जिसमें क्रॉस-जेंडर मालिश पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
एसोसिएशन ऑफ वेलनेस आयुर्वेद एंड स्पा की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि इस स्तर पर किसी अंतरिम आदेश की जरूरत नहीं है।
उन्होंने दिल्ली सरकार को एक हलफनामा दायर करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है जिसमें उन कारणों की व्याख्या की गई हो जिन वजहों से प्रतिवादी को ऐसी सेवाओं पर प्रतिबंध लगाना पड़ रहा है।
दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि क्रॉस-जेंडर मालिश को प्रतिबंधित करने वाले दिशानिर्देशों को अभी अधिसूचित नहीं किया गया है और आश्वासन दिया है कि इस आधार पर स्पा मालिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
वकील ने दावा किया कि क्रॉस-जेंडर मालिश पर प्रतिबंध लगाने का फैसला ‘सुविचारित निर्णय’ है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख नौ नवंबर मुकर्रर की है।
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि प्रतिबंध असंवैधानिक है और संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (जी) का उल्लंघन है। उसने दावा किया कि इस प्रतिबंध के आधार पर दिल्ली में कानून प्रवर्तक एजेंसियों ने विभिन्न स्पा के खिलाफ कार्रवाई की है।
भाषा
नोमान उमा
उमा
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